लेखक: मृदुला गर्ग प्रकाशन तिथि: 22 अप्रैल 2025 …
आगे पढ़ें »पराजय कब नहीं थी कब नहीं थे झूठ के वाहवाह करने वाले लेकिन तभी दल-दल से निकल आया था समय करिश्में और भाग्य से नहीं मनुष्य के उत्साह और संसर्ग से। …
आगे पढ़ें »मार्क्सवाद का अर्धसत्य के बहाने एकालाप — पंकज शर्मा अनंत ने पूरी दुनियाभर के जनसंघर्षों को एक नया आयाम प्रदान करने वाले महानायक के निजी जी…
आगे पढ़ें »समीक्षा और 'क्वायर’ का शोक गीत | उमा शंकर चौधरी के उपन्यास ‘अंधेरा कोना’ पर वंदना राग लेकिन आज का सच क्या है? इस प्रचलित लोकतंत्…
आगे पढ़ें »साहित्यकार और क्या करे, मृदुला गर्गजी ने कहानी के माध्यम से चेताया...नहीं चेते, अब सुमन केशरी दीदी कहानी के अपने पाठ से उपजी विवेचना से चेता रही ह…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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