उन्हीं के लोग चल रही है जोरदार बहस जोर जोर से चीखते हुए लोग सुनवाना चाहते हैं मनवाना चाहते हैं बात उन्हीं के वही लोग बाँट रहे हैं व…
आगे पढ़ें »लिसा पुलिस चौकी के पिछले दरवाज़े पर तेज़ी से भागती हुई पहुँची। नीले डेन्हिम के शॉर्ट्स उसकी लम्बी लम्बी गुलाबी टांगों के ऊपर टेढ़े होकर फंसे हुए …
आगे पढ़ें »सदना ने एफ. आई. आर. की कापी को फाड़कर उसके अनगिनत टुकड़े कर दिए। ऐसा करते हुए उसकी छाती और गले को खरोंचकर निकली आवाज़ ने लोगों के कान फाड़ दिए थे…
आगे पढ़ें »यादें ज़रूर जिंदा रहती हैं पर चेहरे पहचान में नहीं आते क्योंकि उन पर उम्र की लकीरें चढ़ जाती हैं और वो पहचाने न जाने की हद तक बदल जाते हैं। …
आगे पढ़ें »कृष्णा सोबती 'नए साल की देहरी पर' जनसत्ता 1 जनवरी 2013: साल के पहले दिन, जनसत्ता के मुखपृष्ठ पर, हम-स…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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