अनारकली — अंजना वर्मा ‘‘ऐ ! चुप रह। जब देखो तब मुस्कुराती रहती है, ठी-ठी-ठी-ठी हँसती रहती है। न कोई सोच, न कोई चिंता। थोड़ी भी शरम है…
आगे पढ़ें »Photo: courtesy 'thebigindianpictureDOTcom' © TBIP (Shantenu Tilwankar) असहमति सहन करना आना चाहिए — श्याम बेनेगल सुकरात विचार…
आगे पढ़ें »कृष्णा सोबती जी को जन्मदिन की बधाई, उनकी लम्बी उम्र की कामना के साथ युवा कहानीकार कविता ने उनकी चर्चित कहानी 'ऐ लड़की' पर एक बड़ी टिप्पणी…
आगे पढ़ें »सीमा पर भी जवानों की एक ज़िन्दगी होती होगी, वो जवान चाहे भारत कर हो या पाकिस्तान का. दो पड़ोसी मुल्कों के असली पड़ोसी यही-दोनों होते हैं. राजनितिक…
आगे पढ़ें »वक़्त से आगे - निखा साधारण लोगों में से अपवाद थी वो। युवराज और परी की माँ – प्रतीति। हाँ अलग थी सबसे। युवराज और परी मेरे ही स्कूल मे…
आगे पढ़ें »असली नेता जानता है कि किसके लिए, कब और कहां लड़ना चाहिए - शेखर गुप्ता दुनिया का इतिहास बताता है कि सबसे सफल नेता वे हैं, जो जानते हैं क…
आगे पढ़ें »क्या अब 'जेएनयू' का मिथक टूट चुका है? — अनुज पिछले दिनों घटी 'जेएनयू' की घटना ने बहुत सारे सवालों पर सोचने को विवश कर…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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