मौन की राष्ट्रभाषा —अशोक चक्रधर मीडिया शाश्वत सजीव पेटू है, जिसे चौबीस घंटे भोजन चाहिए — चौं रे चम्पू! हरियाना और जेएनयू पै इत…
आगे पढ़ें »ज़रूरत से ज़्यादा न फुलाइयेगा. आपके ही ऊपर फूट सकता है अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, अलवर से भाजपा विधायक ज्ञानदेव …
आगे पढ़ें »सच यह है कि रवीश कुमार भी दलाल पथ के यात्री हैं — दयानंद पांडेय ब्लैक स्क्रीन प्रोग्राम कर के रवीश कुमार कुछ मित्रों की राय में हीरो बन …
आगे पढ़ें »Ashok Vajpeyi after Chanderi Museum visit — Photo © Bharat Tiwari Remembering the reclusive singer — Manjari Sinha We all know about…
आगे पढ़ें »मेरा इस्तीफा इस देश के लाखों-करोड़ों कन्हैयाओं और जेएनयू के उन दोस्तों को समर्पित है जो अपनी आंखों में सुंदर सपने लिए संघर्ष करते रहे हैं …
आगे पढ़ें »अनारकली — अंजना वर्मा ‘‘ऐ ! चुप रह। जब देखो तब मुस्कुराती रहती है, ठी-ठी-ठी-ठी हँसती रहती है। न कोई सोच, न कोई चिंता। थोड़ी भी शरम है…
आगे पढ़ें »Photo: courtesy 'thebigindianpictureDOTcom' © TBIP (Shantenu Tilwankar) असहमति सहन करना आना चाहिए — श्याम बेनेगल सुकरात विचार…
आगे पढ़ें »कृष्णा सोबती जी को जन्मदिन की बधाई, उनकी लम्बी उम्र की कामना के साथ युवा कहानीकार कविता ने उनकी चर्चित कहानी 'ऐ लड़की' पर एक बड़ी टिप्पणी…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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