अनामिका की कविताएँ नारी के अस्तित्व, संघर्ष और समाज में उसकी भूमिका पर गहरी टिप्पणी करती हैं। उनकी कविता 'स्त्रियाँ' इस विषय पर एक सशक्त …
आगे पढ़ें »हाथ से फिसलती ज़मीन... तेजेन्द्र शर्मा “ग्रैण्डपा, आपके हाथ इतने काले क्यों हैं?... आपका रंग मेरे जैसा सफ़ेद क्यों नहीं है?... आप मुझ से …
आगे पढ़ें »अनंत बौद्धिकता के मूर्ति को सलाम अनंत विजय यू आर अनंतमूर्ति ज्वाजल्यमान बौद्धिक व्यक्तित्व थे, जिनकी राजनीति में गहरी रुचि थी और हमेशा दूसरों…
आगे पढ़ें »'मोनालिसा की आंखों' के नाम एक दोपहर पशुपति शर्मा Post by शब्दांकन Post by शब्दांकन Post by शब्दांकन Po…
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Vandana Rag
हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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