'वर्तमान साहित्य' दिसम्बर  2014
कहानी- नये साल की धूप : सुभाष नीरव
बीते हुए दिन कुछ ऎसे भी थे - राजेन्द्र राव
कहानी: शोभा - प्राण शर्मा
कहां है हिंदी का बेस्ट सेलर? - मनीषा पांडेय
कहानी: भीतरी सांकल - बलराम अग्रवाल
बिना सांस्कृतिक सफाई के भौतिक सफाई संभव नहीं है - विभूति नारायण राय

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कहानी ... प्लीज मम्मी, किल मी ! - प्रेम भारद्वाज
गिरिराज किशोर : स्मृतियां और अवदान — रवीन्द्र त्रिपाठी
कोरोना से पहले भी संक्रामक बीमारी से जूझी है ब्रिटिश दिल्ली —  नलिन चौहान
दमनक जहानाबादी की विफल-गाथा — गीताश्री की नई कहानी
जंगल सफारी: बांधवगढ़ की सीता - मध्य प्रदेश का एक अविस्मरणीय यात्रा वृत्तांत - इंदिरा दाँगी
दो कवितायेँ - वत्सला पाण्डेय
ब्रिटेन में हिन्दी कविता कार्यशाला - तेजेंद्र शर्मा
मैत्रेयी पुष्पा की कहानियाँ — 'पगला गई है भागवती!...'
वैनिला आइसक्रीम और चॉकलेट सॉस - अचला बंसल की कहानी