जो उन्हें (अशोक सेकसरिया जी) जानता था वही उन्हें जानता था - अलका सरावगी

writer ashok sekhsariya death


मशहूर लेखक, विचारक अशोक सेकसरिया का बीती रात (29-30 नवंबर) निधन हो गया।  पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे सेकसरिया जी के अचानक निधन की ख़बर से हिंदी साहित्य जगत सन्न रह गया। 

साहित्य के इस संत को शब्दांकन परिवार की श्रधांजलि। 

उनके कुछ क़रीबी लोगों ने शब्दांकन के साथ उनकी यादों को साझा किया। 

जो उन्हें जानता था वही उन्हें जानता था - अलका सरावगी

अशोक सेकसरिया जी के बारे में कुछ कहा ही नहीं जा सकता, जो उन्हें जानता था वही उन्हें जानता था।  ये हमारा बड़ा सौभाग्य था कि ऐसे आदमी का संग मिला जिससे मिलने के बाद हमें इंसान की खोज नहीं करनी पड़ती, जो सही अर्थों में इंसान हो। 

तीस साल पहले उनसे हुआ मिलना ही है हमारी साहित्य की समझ का कारण है। लिखने की जो इच्छा है वह भी शायद न बन पाती यही अशोक सेकसरिया से मिलना न हुआ होता। वे हर व्यक्ति के लिए उपलब्ध थे, दूसरों को सुनने की क्षमता रखने वाले अशोक जी के पास हमेशा ही दूसरों को देने के लिए कुछ न कुछ होता था। 

परसों (28 नवंबर) अस्पताल में मैंने उनसे कहा “मैं पंद्रह मिनट पहले आ गयी थी और यहीं लेनिन सरणी में घूम रही थी” वो बहुत प्रसन्न हुए और यूनियन चैपल के बारे में बताने लगे और पूछा “वो देखा”।  उनकी बालसुलभ उत्सुकता अंत तक बनी रही। उन्हें नाम, पैसा, कुर्सी कुछ नहीं चाहिए था  वे एक ऐसी कसौटी थे जिस पर उनसे मिलने वाला अपने को देखता था कि हम कहाँ हैं? मेरी अशोक सेकसरिया जी से पहली मुलाक़ात बच्चो की एक डिक्शनरी के सिलसिले में करीब तीस साल पहले हुई थी वे अस्सी वर्ष की उम्र में भी ‘सामयिक वार्ता’ के काम की अधिकता हो जाने पर वो बीस-बीस घंटे काम करते रहे।     

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

ये पढ़ी हैं आपने?

Hindi Story आय विल कॉल यू! — मोबाइल फोन, सेक्स और रूपा सिंह की हिंदी कहानी
गिरिराज किशोर : स्मृतियां और अवदान — रवीन्द्र त्रिपाठी
कोरोना से पहले भी संक्रामक बीमारी से जूझी है ब्रिटिश दिल्ली —  नलिन चौहान
 प्रेमचंद के फटे जूते — हरिशंकर परसाई Premchand ke phate joote hindi premchand ki kahani
ईदगाह: मुंशी प्रेमचंद की अमर कहानी | Idgah by Munshi Premchand for Eid 2025
मन्नू भंडारी: कहानी - एक कहानी यह भी (आत्मकथ्य)  Manu Bhandari - Hindi Kahani - Atmakathy
ज़ेहाल-ए-मिस्कीं मकुन तग़ाफ़ुल Zehaal-e-miskeen makun taghaful زحالِ مسکیں مکن تغافل
ऐ लड़की: एक बुजुर्ग पर आधुनिकतम स्त्री की कहानी — कविता
अखिलेश की कहानी 'अँधेरा' | Hindi Kahani 'Andhera' by Akhilesh
Hindi Story: दादी माँ — शिवप्रसाद सिंह की कहानी | Dadi Maa By Shivprasad Singh