सर्जिकल स्ट्राइक की राजनीतियाँ — अभिसार — @abhisar_sharma #SurgicalStrikePolitics #SurgicalStrike



सर्जिकल स्ट्राइक पर हम पूरी तरह से प्रधानमंत्री का समर्थन करते हैं। उनसे आग्रह करता हूं इसी तरह पाक के गंदे प्रचार का काउंटर करें — अरविंद केजरीवाल


Cartoon courtesy : R Prasad




भारत सरकार को याद रखना होगा कि हमारा प्रस्तावित सुबूत एक ब्रह्मास्त्र है

अभिसार शर्मा


इस गलतफहमी मे मत रहिए कि अरविंद केजरीवाल, सर्जिकल स्ट्राइक के लिए मोदी को सलाम कर रहे हैं । ना । बिल्कुल नहीं । गौर करने लायक उनकी बात का दूसरा हिस्सा है । कि बौखलाए पाकिस्तान के प्रौपगैंडा का मुंहतोड़ जवाब दिया जाए । भारत सरकार भी सुबूत के साथ पाकिस्तान पर फिर सर्जिकल  स्ट्राइक करे । और इसकी बड़ी वजह ये है कि पाकिस्तान इस मनोवैज्ञानिक लड़ाई मे अभी थोड़ी सी बढ़त बनाए हुए है । वो दुनिया भर के मीडिया को पाक के कब्जे वाले कश्मीर मे घुमा रहा है, ये बताने कि लिए कि देखो, कुछ नहीं हुआ । ऊपर से वो संयुक्त राष्ट्र के उस बयान को भी प्रस्तुत कर रहा है जिसमें यूएन ने एलओसी पर हुए सर्जिकल हमले पर संदेह जताया गया है । कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने भी कहा है कि भारत सरकार असली सर्जिकल स्ट्राइक करके एलओसी पार सारे टेरर अड्डे बर्बाद करे ।



भारत के पास सुबूत है और उसका मानना है कि वो सही वक्त और समय पर इसे पेश करेगा । ये सही वक्त अगले 6 महीने मे कभी भी हो सकता है । क्योंकि 6 महीने बाद यूपी के चुनाव हैं । बीजेपी को लग रहा है कि सर्जिकल हमले के बाद वो मोदी के 56 इंच के सीने को REBRAND करके फिर पेश कर सकेगा । ऊपर से पार्टी के महान नेता पहले से ही कैराना कैराना कर रहे हैं । उनका मानना है कि मुज्जफरनगर मे तवे की आंच बिल्कुल माकूल है । सिकाई मस्त होगी । वोट छप्पर फाड़ मिलेंगे । अगड़ी जाती को देशभक्ति का डोज मिल गया है और वो खुश है । अब मुसलमान असमंजस मे सपा और बसपा मे दो फाड़ हो जाएगा । दलित और पिछड़ी जाति का वोटर भी सर्जिकल  स्ट्राइक मे बह ही जाएगा । ऐसा वो मान रही है । क्योंकि अच्छे दिन तो आए नहीं । अब अच्छे दिन से तो बीजेपी पिंड छुड़ा रही है क्योंकि नितिन गडकरी जी की माने तो अच्छे दिन भी दरअसल मनमोहन सिंह का आईडिया था । लो कल्लो बात ।



खैर ये बात तो हो गई सियासत की । मगर अब वापस आते हैं सुबूत पर । भारत सरकार को याद रखना होगा कि हमारा प्रस्तावित सुबूत एक ब्रह्मास्त्र है । इसका इस्तेमाल सिर्फ एक बार हो सकता है । हम इसका इस्तेमाल जब भी करे, ऐसा करें कि पाकिस्तानी चारों खाने चित्त । दोहरा दूं, ये एक ब्रह्मास्त्र है और बीजेपी की संजीवनी । मैं जानता हूं आप सोच रहे होगे कि मैं रामायण वक्त के हथियारों का बार बार जिक्र क्यों कर रहा हूं । अब का करें भईया, मौजूदा सरकार और उसके होनहार ये प्रतीक आसानी से समझ जाते हैं । सोचा इन्हीं की भाषा मे बात की जाए । लिहाज़ा आप भी इंतजार कीजिए । सरकार पूरी सोच समझ के साथ ही कुछ करेगी । क्योंकि सच तो ये हैं कि ये सर्जिकल  स्ट्राइक सिर्फ और सिर्फ इसलिए ऐतिहासिक है क्योंकि भारत ने इसको सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया है । बस । ऐसे हमले पहले भी हुए हैं, जिसकी तसदीक खुद पूर्व सेना प्रमुख विक्रम सिंह कर चुके हैं । जनरल ने तो जनवरी 2013 का हवाला दिया था जिसमें 2 भारतीय सैनिकों की शहादत के जवाब मे कई पाकिस्तानयों को मारा गया था ।

पत्रकारों का काम है कि वो सवाल पूछें । कि आखिर हमला कितना सफल रहा, निशाने पर कौन था, कितने आतंकी मारे गए । मगर माहौल ऐसा है कि ये सामान्य सवाल पूछने पर लोग देशद्रोही ठहरा देते हैं और वैसे भी अपनी सेना के दावे पर कौन सवाल कर सकता है । ऊपर से मामला पाकिस्तान का भी है । सुबूत का विडियो सामने कब आएगा, ये एक राजनीतिक फैसला भी है । मुझे नहीं लगता कि मोदी सरकार को पाकिस्तान की चिंता है । उनकी निगाह दरअसल पंजाब और यूपी के चुनावों पर होगी और फैसला भी उसी हिसाब से लिया जाएगा । सच तो ये ही कि सर्जिकल  स्ट्राइक को सार्वजनिक करने के पीछे भी यही मंशा है । मोदी एक निर्णायक नेता हैं, ये काल्पनिक नहीं, ये बात देश को समझाना जरूरी हो गया था ।

और हां जरूरी ये भी है कि रक्षा मंत्री मनोहर परिक्कर, मनोहर कहानियां सुनाना बंद करें । आमिर खान के बारे मे उनके बयान तक तो ठीक था, अब वो ये भी कह रहे हैं कि सेना को हनुमान की तरह अपनी ताकत का अंदाज़ा नही था । क्योंकि सेना 2014 से पहले सो रही थी कि अपनी काबिलीयत का अंदाजा उन्हें अब जाकर हुआ, बिल्कुल वैसा ही जैसे लंका दहन करने से पहले हनुमान को जामवंत ने याद दिलाया था कि आपमें असंभव कर गुजरने की काबिलीयत है । सेना हनुमान सही, मगर आप मनोहरजी जामवंत कतई नहीं । रक्षा मंत्री हैं । बने रहें । पाकिस्तानी रक्षा मंत्री के साथ बयानबाजी मे प्रतिस्पर्धा न करें । न भूलें, मौजूदा माहौल मे एक भारतीय सैनिक गलती से सीमा पार कर गया है, उसे वापस भी लाना है ।

Abhisar Sharma

Journalist , ABP News, Author, A hundred lives for you, Edge of the machete and Eye of the Predator. Winner of the Ramnath Goenka Indian Express award.
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