लगभग 7-8 साल पहले प्रेस क्लब जयपुर में उन्हें सुना, उनकी बातें जेहन में आज भी है, उतर गईं थीं दिल तक।
राजेन्द्र यादव जी ने कहा था -
बहुत सारे इसे विचारों और महसूस किये क्षणों की ही देंन है कि मेरे जीवन में किसी धर्म, जाति, परम्परा, रूणी का स्थान नहीं है।

राजेन्द्र यादव जी ने कहा था -
" धर्म ने सबसे ज्यादा लड़वाया है आदमी को ! अक्षरधाम मंदिर 500 करोड़ का बना अब उससे क्या फायदा ? में पिछले 15 साल से मंदिर नहीं गया और मेरा कोई नुकसान नहीं हुआ ..."।
बहुत सारे इसे विचारों और महसूस किये क्षणों की ही देंन है कि मेरे जीवन में किसी धर्म, जाति, परम्परा, रूणी का स्थान नहीं है।
अनुपमा तिवाड़ी