तीन लघु कथाएँ और तीन सन्देश - प्राण शर्मा Three Short Stories of Pran Shama

१३ जून १९३७ को वजीराबाद में जन्में, श्री प्राण शर्मा ब्रिटेन मे बसे भारतीय मूल के हिंदी लेखक है। दिल्ली विश्वविद्यालय से एम ए बी एड प्राण शर्मा कॉवेन्टरी, ब्रिटेन में हिन्दी ग़ज़ल के उस्ताद शायर हैं। प्राण जी बहुत शिद्दत के साथ ब्रिटेन के ग़ज़ल लिखने वालों की ग़ज़लों को पढ़कर उन्हें दुरुस्त करने में सहायता करते हैं। कुछ लोगों का कहना है कि ब्रिटेन में पहली हिन्दी कहानी शायद प्राण जी ने ही लिखी थी।
देश-विदेश के कवि सम्मेलनों, मुशायरों तथा आकाशवाणी कार्यक्रमों में भाग ले चुके प्राण शर्मा जी  को उनके लेखन के लिये अनेक पुरस्कार प्राप्त हुए हैं और उनकी लेखनी आज भी बेहतरीन गज़लें कह रही है।


खरबूजे को देख कर खरबूजा रंग पकड़ता है

ऐतिहासिक पात्र आम्रपाली के रोल में तनया ने प्राण फूंक दिए थे। दर्शकों और  मीडिया वालों को लगा कि साक्षात आम्रपाली धरती पर उतर आयी है। सभी ने  मुक्त कंठ से तनया के सौंदर्य और अभिनय की प्रशंसा की। प्रशंसा करने वालों में  प्रसिद्ध फ़िल्म निर्माता और निदेशक चन्द्रभान भी थे। उन्होंने फ़ौरन ही अपनी आगामी फ़िल्म में तनया को हेरोइन बनाने का मन बना लिया। उनको ऐसी ही  सुन्दर और सौम्य लड़की की तलाश थी। तनया उनका फैसला जान कर फूली नहीं  समायी।

       घर पहुँचते ही उसने चहक कर मम्मी और पापा को फ़िल्म निर्माता और  निदेशक का फैसला सुनाया। मम्मी ने तो हरी झंडी दिखा दी लेकिन पापा आग  बबूला हो कर चिल्ला उठे - " आज कल की हिंदी फिल्मों में काम कर के क्या तू  हम सब की नाक कटवाएगी ? आज कल की तो हीरोइनों के नंगे बदन देख कर  शर्म के मारे सर झुक जाता है। न जाने क्यों उनके माता-पिता उनको फिल्मों में  काम करने की इज़ाज़त देते हैं ? हम खानदानी लोग हैं। समझी। तेरा वैसा रूप  देखने से पहले हम आत्महत्या कर लेंगे। "

       तनया ने पिता को विश्वास दिलाते हुए कहा - " मैं आपको वचन देती हूँ कि  वैसा रोल कभी नहीं करुँगी , कभी नहीं। अपने परिवार का मान - सम्मान की  रक्षा करुँगी। अपनी बेटी पर भरोसा कीजिये। "

       बेटी के बार - बार आश्वासन देने पर पापा मान गये।

       तनया ने दो साफ़ - सुथरी फिल्मों में अभिनय किया। उस के पिता दोस्तों  में सर उठा कर चलने लगे। हर तरफ से अपनी बेटी की तारीफ़ सुन कर उन्हें  बहुत संतोष हुआ।

       दो साफ़ - सुथरी फ़िल्में करने के बाद तनया को वह सफलता नहीं मिली  जो अन्य नयी आयी अभिनेत्रियों को मिल रही थी। वह काफी निराश हो गयी।  एक शुभ चिंतक ने सुझाव दिया - " तनया जी , सफलता पाने के लिए बोल्ड  और सेक्सी रोल कीजिये। बॉलीवुड के नए ट्रेंड पर चलिए। बोल्ड और सेक्सी  सीन देने से बिपासा बासु , प्रियंका चोपड़ा , विद्या बालन , करीना कपूर ,  मल्लिका शेरावत इत्यादि टिकी हैं। सती सावित्री या सीता बनी रहेंगी तो यहाँ  आपका टिकना मुश्किल हो जाएगा।

       खानदानी तनया को कपडे उतारने में देर नहीं लगी। वह पापा को दिया  आश्वासन भूल गयी।


भूखी नज़र

अमरीक सिंह की पहली पांच घंटों की शिफ्ट ख़त्म हुई। भूख के मारे  उसका बुरा हाल था। आधे घंटे का ब्रेक था। उसका मन किया कि आज  ब्रेकफास्ट बहुत अच्छा होना चाहिए। कैंटीन में आते ही उसने दो अण्डों का  आमलेट , दो ब्रेड के स्लाइस , बीन्स और कंटकी चिकन और दो कप टी पॉट  का आर्डर कर दिया।
वह खाने के लिए तैयार हुआ ही था कि नवजोत उसके पास आ कर  बैठ गया। उसकी नज़रें अमरीक सिंह के खाने की प्लैट पर टिक गयी।  अमरीक सिंह ने उसकी लपलपाती हुई जीभ को देखा। उसे अच्छा नहीं लगा।  उस के मन में आया कि वह उठ कर कहीं और बैठ जाए। लेकिन उसने  सोचा कि इतना कुछ वह कैसे उठाएगा ? वह वहीं डटा रहा।

       नवतेज से रहा नहीं गया। पूछने लगा - " यार , इतना सारा खाने को ? ये तो दो - तीन जनों के लिए है। तुम कैसे खा लोगे ? "

       अमरीक सिंह के हाथ रुक गये। प्लेट को नवतेज की ओर सरकाते  हुए वह गुस्से में बोला - "ले , तू खा ले।"

       अमरीक सिंह उठ खड़ा हुआ अधभूखा ही कैंटीन से बाहर निकल गया।


उपहार

शीला को उस की पचासवीं वर्षगाठ पर एक ऐसा उपहार मिला जिस को  देखते ही वह हक्की - बक्की हो गयी।
अगले दिन वह जा धमकी पूजा के घर।

       " तुम इस साड़ी को पहचानती न ? " शीला ने तमतमाते हुए पूजा से पूछा।

       साड़ी को देख कर पूजा के पसीने छूट गये।

       " नहीं तो। "

       " क्यों बनती हो ? ये वही साड़ी है जो मैंने बड़ी रीझ से तुम्हारी बेटी   कमलेश के ब्याह पर उस को दी थी। साड़ी उठा कर तुमने सावित्री को   दे दी , न जाने किस खुशी के अवसर पर ? तुम क्या जानो उपहार का   मान करना ? " कह कर शीला जैसी आयी थी वैसी ही मुड़ गयी।

एक टिप्पणी भेजें

3 टिप्पणियाँ

  1. तीनो लघुकथायें लाजवाब मानव मन के बखिये खोलती हुयी

    जवाब देंहटाएं
  2. जो खरबूजा स्‍वयं को पहले बदल ले उसे देख कर बाकी खरबूजे रंग बदलते हैं लेकिन रंग बदलने से ज्‍यादह ज़रूरी है खरबूजें की मिठास जो परंपरागत होती है।

    जवाब देंहटाएं

ये पढ़ी हैं आपने?

Hindi Story आय विल कॉल यू! — मोबाइल फोन, सेक्स और रूपा सिंह की हिंदी कहानी
ईदगाह: मुंशी प्रेमचंद की अमर कहानी | Idgah by Munshi Premchand for Eid 2025
चित्तकोबरा क्या है? पढ़िए मृदुला गर्ग के उपन्यास का अंश - कुछ क्षण अँधेरा और पल सकता है | Chitkobra Upanyas - Mridula Garg
गिरिराज किशोर : स्मृतियां और अवदान — रवीन्द्र त्रिपाठी
ज़ेहाल-ए-मिस्कीं मकुन तग़ाफ़ुल Zehaal-e-miskeen makun taghaful زحالِ مسکیں مکن تغافل
मन्नू भंडारी: कहानी - एक कहानी यह भी (आत्मकथ्य)  Manu Bhandari - Hindi Kahani - Atmakathy
कोरोना से पहले भी संक्रामक बीमारी से जूझी है ब्रिटिश दिल्ली —  नलिन चौहान
मैत्रेयी पुष्पा की कहानियाँ — 'पगला गई है भागवती!...'
Harvard, Columbia, Yale, Stanford, Tufts and other US university student & alumni STATEMENT ON POLICE BRUTALITY ON UNIVERSITY CAMPUSES
Hindi Story: दादी माँ — शिवप्रसाद सिंह की कहानी | Dadi Maa By Shivprasad Singh