यह जो "आजतक" के ही दीपक शर्मा कह गए (प्रसून वाजपई के लिये) - ओम थानवी | What about it that Deepak Sharma said (about Prasoon Vajpayee) - Om Thanvi

सत्य ही शिव है 
और यह जो "आजतक" के ही दीपक शर्मा कह गए … ओम थानवी
एक आदमी जो आपनी सादगी के लिए हमारे चैनल में जाना जाता हो, आज मीडिया का सबसे बड़ा दलाल बताया जा रहा है
पत्नी नौकरी नहीं करेगी... बच्चे कान्वेंट स्कूल में नही पढ़ेंगे... घर में मेड खाना नहीं बनाएगी... गाज़ियाबाद की एक सोसाइटी के छोटे से मकान में ही रहेंगे...

कुछ दिन पहले ही की बात है, पिताजी बेहद बीमार थे, मुझे फोन आया... कोई सरकारी डाक्टर है जानने वाला... मैंने कहा- हां सफदरजंग अस्पताल में है, आप चिंता न करिये, सब इंतज़ाम करवा दूँगा....

कुछ और पहले की बात. मां बाप को बनारस दर्शन करने जाना था... कहने लगे कहीं रुकने का इन्तजाम हो सकता है... मैंने कहा अपने मित्र हैं बनारस में... आपको ना ऑटो करने की ज़रूरत है ना होटल की... मेरे तो मां बाप रहे नहीं... मैं कराता हूँ व्यवस्था...

एक दिन फोन खराब हो गया... मैंने कहा- पंडितजी, इतने बड़े पत्रकार हैं, फोन तो ढंग का रख लीजिए... एक आई फोन इस्तेमाल करने से किसी स्कैम में नही फंस जायेंगे. कुछ दिन बाद उनके हाथ में मैंने एक ढंग का फोन देखा... तो बोले- बंधु सही कहते हैं आप, इससे वीडियो भी लिया जा सकता है...

एक आदमी जो अल्जाइमर से लड़ते बूड़े बाप को रोज अपने हाथ से खाना खिलाता हो और पिछले कई महीनो से तीमारदारी के वजह से दिल्ली के बाहर ना निकला हो... एक आदमी जिसे मैंने बीवी के साथ घर में खाना बनाते देखा हो... एक आदमी जो पांच सितारा संस्कृति से परहेज़ करता हो... एक आदमी जो आपनी सादगी के लिए हमारे चैनल में जाना जाता हो, आज मीडिया का सबसे बड़ा दलाल बताया जा रहा है

मित्रों प्रसून वाजपई को आप वीडियो क्लिप और प्रेस क्लब में आम आदमी की मीटिंग में ली गयी फोटो से जान रहे हैं. एक्सक्लूज़िव खबर ब्रेक करने के नशे में प्रसून मीटिंग में घुसे थे और कुर्सी पर बैठे... बाद में योगेन्द्र यादव के ऐतराज़ पर उन्हें कमरे से बाहर निकलना पड़ा... तब तक फोटो खिंच चुकी थी. कुछ ऐसा ही उन्होंने केजरीवाल से इंटरव्यू लेने में गलती की...

केजरीवाल उनसे बेहद नाराज़ थे... उनका आरोप था की बेहद अहम वक्त पर प्रसून ने एक्सिट पोल में "आप" को दिल्ली विधान सभा चुनाव में सिर्फ ६ सीटें दी. केजरीवाल का दूसरा आरोप था कि प्रसून प्रो मोदी हैं और एक के बाद एक "आप" पर मोर्चा खोल रहे हैं. जिस दिन प्रसून ने ३ घंटे कांग्रेस नेता अरविन्द सिंह लवली का स्टिंग दिखाया तब केजरीवाल ने अपने कुछ मित्रों से कहा कि ये "आप" को बदनाम करने की साजिश है. केजरीवाल ने प्रसून के खिलाफ ट्वीट भी किया और उन पर बेवजह मोदी का पक्ष लेने का इलज़ाम लगाया.

९ और १० दिसम्बर को मैंने केजरीवाल से इंटरव्यू लेने की कोशिश की पर उन्होंने मना कर दिया. उनका आरोप था कि विधान सभा चुनाव में आजतक ने "आप" को बहुत डेमेज किया है. मैंने समझाया- ऐसा कुछ भी नही. बहरहाल उसके बाद मैं फिर कभी केजरीवाल से नही मिला. दरअसल खोजी पत्रकार के लिहाज़ से मुझे इंटरव्यू की बहुत दरकार भी नहीं है... और, मैं नेताओं की परवाह भी नही करता. लेकिन एंकर की नौकरी बिना डिबेट के, गेस्ट और नेताओं के इंटरव्यू के, नहीं चलती. बरखा, अर्नब, राजदीप सभी केजरीवाल के करिश्मे का इंटरव्यू कर रहे थे... लेकिन प्रसून को शायद ये मलाल ज़रूर रहा कि वो कजरी बाबू को दो साल से जानते थे पर मौके पर वन टू वन इंटरव्यू नहीं कर पा रहे थे. इसकी वजह महीनों से दोनों के बीच संवादहीनता थी जो एक्सिट पोल पर और बढ़ गयी थी.

केजरीवाल विवादों में फंसते जा रहे थे और सोमनाथ भारती को लेकर किये गए धरने ने उनकी लोकप्रियता को बड़ा झटका दिया था. इत्तिफाक से प्रसून धरने का जायजा लेने रेल भवन पहुंचे. भीड़ के नाम पर वहाँ ५०० लोग मौजूद थे. यहीं केजरीवाल और प्रसून टकराए. केजरीवाल ने प्रसून से कहा- अरे आप इधर कैसे. संवादहीनता टूटी तो प्रसून ने जवाब दिया कि अरे भाई अब तो आप इंटरव्यू के लिए भी मना कर देते हैं. मुझे लगता है कमज़ोर होते हुए केजरीवाल को देश के एक बड़े एंकर के इस सवाल ने एक मौका दिया... जी हाँ, मौका दिया संवाद स्थापित करने का. केजरीवाल इंटरव्यू के लिए राज़ी हो गए.... प्रसून को उस वक्त देश की राजनीति का एक बड़ा चेहरा कैमरे के आगे खड़ा मिल गया.... टीआरपी ठीक ठाक थी... और एक के बाद एक दो बड़े इंटरव्यू प्रसून ने कर डाले... बाकी जो हुआ उसे अंग्रेजी में victim of circumstances कहते हैं. उस पर बहुत कुछ लिखना मैं नहीं चाहता.

मुझे भरोसा है वक्त आने पर प्रसून बता देंगे कि वो केजरीवाल के कितने करीब हैं. यही अब प्रसून की अग्निपरीक्षा है.


दीपक शर्मा  
(वरिष्ठ  पत्रकार, आजतक न्यूज चैनल)
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