मुलायम सिंह यादव के नाम वर्तिका नन्दा का खुला पत्र : An Open Letter to Mulayam (Singh Yadav) from Vartika Nanda

मुलायम जी,

 आपको औरतों से इतनी ही परेशानी है तो हमसे हमारे जीने का अधिकार ही क्यों नहीं छीन लेते। क्यों नहीं अपराधियों के लिए देश के सबसे बड़े सम्मान को देने का प्रयास कर लेते। - वर्तिका नन्दा 
आपका आभार। आपकी वजह से इस देश की मुझ जैसी बहुत सी औरतों का यह विश्वास पुख्ता हुआ कि औरत का अपना कोई अस्तित्व शायद है ही नहीं। औरत को न जीने का अधिकार है, न मरने का। उसके साथ अगर कोई भी अपराध हो तो उसे चुप ही रहना है। चुप्पी का दामन जब तक थाम सके, थामे और जब ऐसा न हो सके तो जिंदगी को अलविदा कह दे। वह इस बात के लिए भी तैयार रहे कि अपराधी और राजनीति के बीच बने अदृश्य पुल पर पीड़ित के साये की बात तक करना किसी को गवारा नहीं जब तक कि बात वोट और खुद पर लगी किसी चोट की न हो।

          यादव साहब, आप क्या जानें अपराध क्या होता है और क्या होता है अपराध का शिकार होना। बेचारे लड़कों से तो सिर्फ गलती होती है और उन्हें बचाए जाने के लिए आपके मन में टीस भी उठ रही है। क्या मैं आपसे जान सकती हूं कि लड़की होना कौन-सा गुनाह है। क्या आपने आज तक किसी पीड़ित लड़की को देखा है, उससे मिले हैं आप, उसके और उसके परिवार के दर्द को देखा है क्या आपने कभी। और हां, आप तो बात रेप की कर रहे हैं। क्या आपको महिलाओं के खिलाफ होने वाले किसी और अपराध का इल्म है भी?

          आप जैसे नेताओं की ही वजह से अपराध की शिकार औरतें घरों में सहमी रहती हैं। देश भर में महिला अपराध के एक लाख से ज्यादा मामले लंबित हैं। उन पर तो आप एक शब्द नहीं बोले। आपने कोई विरोध नहीं जताया जब महिला आरक्षण बिल इस बार भी संसद मे बेदम पड़ा रहा। आपने कोई प्रयास नहीं किया कि इस देश की औरत को चैन की सांस लेने का अधिकार मिल सके। हां, आपको इस बात का दुख जरूर है कि बलात्कारियों को फांसी देने की बात क्यों उठती है।

          आपको औरतों से इतनी ही परेशानी है तो हमसे हमारे जीने का अधिकार ही क्यों नहीं छीन लेते। क्यों नहीं अपराधियों के लिए देश के सबसे बड़े सम्मान को देने का प्रयास कर लेते। फांसी के ऐलान से आपका मन दुखी है पर एसिड अटैक से जली हुई औरतों के लेकर आपके मन में जरा दुख नहीं उपजा। वो बेचारी नहीं थीं क्या??? उनके लिए न आपका दिल पसीजा, न आपकी जुबान से कोई शब्द निकला।

          धन्यवाद साहब। आपकी वजह से इस देश के कई राजनेताओं की इच्छाशक्ति जरा और खुल कर सामने आ गई। हम सब जानते हैं कि तकरीबन हर राजनीतिक दल में कुछ ऐसे नेता हैं जिनके महिलाओं को लेकर कुछ मिलते-जुलते ख्यालात हैं। उन पर कभी-कभार थोड़ा हंगामा होता है पर उससे ज्यादा कुछ नहीं। महिला आयोग को फुर्सत नहीं और सियासत वालों की चमड़ी मोटी और उतना ही मोटा उन पर आरामतलबी का गद्दा।

          वैसे दीगर यह भी है कि आपके नाम के विपरीत आपके विचार मुझे कहीं से मुलायम दिखे नहीं। इस देश के आम जन के लिए आप कठोर सिंह यादव ही हैं।

          और मैं सोशल मीडिया के अपने साथियों से भी पूछना चाहती हूं। अपराध से गुजरी औरत पर एक क्षण में भद्दी टिप्पणियां कई बार उछल कर आ जाती हैं पर ऐसे नेताओं पर लिखने से पहले हम डर क्यों जाते हैं। क्या सिर्फ इसलिए कि वे पीडितों से ज्यादा ताकतवर हैं।

          जी हां, इस देश में अपराधियों का सामाजिक बहिष्कार नहीं होता। आज अगर आप उन बलात्कारियों का फेसबुक अकाउंट खोल दें तो शायद वहां किसी एक पीड़ित के अकाउंट से ज्यादा बड़ी भीड़ जमा हो जाए।

          आपके जरिए हमें फिर सच दिख गया पर तब भी यह जरूर कहूंगी – औरत को इतना भी कमजोर न समझिए जनाब। कानून और सियासत की ताकत जो भी हो, औरत की आह की ताकत का शायद अपराधियों को अभी अंदाजा ही नहीं है। औरत की चुप्पी, मजबूरी और मर्यादा को इतना हल्के में मत लीजिए। अपराध से गुजरी औरत की आह देश और काल को मिटा सकती है। यकीन न हो तो इतिहास पलटिए।

          इस देश के सजग पुरूषों और महिलाओं की तरफ से

वर्तिका नन्दा


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5 टिप्पणियाँ

  1. He is an idiot,ignore him...don't try to explain idiot.competing with idiots is being bigger than idiot.

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  2. mulayam singh yadav ji ne kisi bhi tarah se achchha bayan nahi diya hai , hum esaki aalochanaa karte hain /

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  3. vartika ji sadar vandan , aapane jis tarah se mulayam singh kisoch , uske strieevadi vicharon ki kalaie kholi h vah pranshashaneeya h me ek bat or yanha par jodana chahunga ki is tarah ki mansikata vale tamam logo ka samajik aarthik ,rajnaitik bahishkar karden achahiye or rastrapati ji ko jan-jan ke hastaksharon se yukt patra bheja jana chahiye or mang ki jani chahiye ki naitik roop se divalaye logo ko sarjvanik jeevan me bhag lane par rok lage. me aapaki bhawnao ke sath apane aap ko sajha karane ka vinarm nivedan bhi karata hun.

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  4. वर्तिका मैंम

    ऐसे लोगों ने अभी नारी शक्ति को जाना नही है. हम ये भी कह सकते हैं कि अभी तक ऐसी नारी से इनका पाला नही पड़ा जो ऐसा भाषण देने पर एक ज़ोर का तमाचा इनके जड़ सके. आपके द्वारा मारे गये इस तमाचे की गूँज भारत भर में सुनाई पड़ रही है.
    मुलायम जी थोड़ा सोच समझ कर बोला कीजिए. आपको शायद खबर नही है कि आपके इस भद्दी सोच के कारण नारी जागृत हो रही है. और यदि आप ऐसे ही भाषण देते रहे तो..........आपका तो भगवान ही मालिक है..

    वर्तिका मैंम आपका बहुत बहुत धन्यवाद. नारी शक्ति को जागृत करने में हम सब आपके साथ हैं.

    शिवानी कोहली 'अनामिका'

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  5. Abhi hal ki hi ek khabar suna du... humare Department of Education(BHU) me Mahila Adhikar ko samrakshit karne wali kuchh short films dikhane ke liye NCW ke kuchh log aaye the... unhone har prashn ke pratyuttar me purush ko doshi thaharaya... achchha to bilkul nahi laga...lekin kuchh din pahle Hamirpur ke mantri mahoday Shri S C Prajapati ne Mahila Ayog Adhyaksh ki upasthiti me mahilao.n ke hajaro dosh sunaye.n, jispar NCW adhyaksh ko visfotak ki bhanti baras jana chahiye tha magar wo zarokatar aanshu bahane ke bajay wo to vyawastha ka mauz le rahi thi.....
    Mujhe lagta hai humare aapke chahne se to kuchh sahi bhi ho jay..... magar is tarah ke rawaiye se mai kise doshi samajhu.....ya kise samajhdar???????

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