डिजाईन और शिक्षा - अपूर्वानंद दिल्ली विश्वविद्यालय के नए कार्यक्रम के साथ गड़बड़ यह हुई कि उसने बाज़ार की फौरी ज़रूरत को पूरा करने वाले कर्मी तैयार …
फारवर्ड प्रेस जुलाई 2014 1. लोकसभा चुनावों का प्रेमकुमार मणि द्वारा बहुजन दृष्टिकोण से मूल्यांकन 2. मुस्लिम राजनीति पर अतिफ रब्बानी का लेख…
गुलज़ार की 10 बेहतरीन कविताएं! Gulzar's 10 Marvelous Poems गीतकार गुलज़ार ने कई फ़िल्मों के लिये गीत तो लिखे ही हैं साथ ही उन्होंने कई बेहतरीन क…
बांयें से प्रो० पुरुषोत्तम अग्रवाल, प्रियदर्शन, सुश्री सुमन केशरी व भरत तिवारी ए क जन्मदिन पर डॉक्टर इवा हजारी की याद मुझे नहीं मालूम डॉ इवा…
राग देश जी हाँ, पिछले छह सालों से, जब भी वहाँ किसी मरीज़ को ऐसी ज़रूरत पड़ी, तो वहाँ ट्रैफ़िक को थाम कर 'ग्रीन चैनल' बनाया गया ताकि ट्…
बनारस केदारनाथ सिंह इस शहर में वसंत अचानक आता है और जब आता है तो मैंने देखा है लहरतारा या मडुवाडीह की तरफ़ से उठता है धूल का एक…
वो भूली दास्तां ... एक रात हुआ कुछ ऐसा - कि मेरे बिस्तर पर लेटते ही और नींद के आने से पहले, एक नज़्म उतर आई, मेरी इन बंद आँखों में। पहले कुछ …
बेगाना ताजिर* नासिरा शर्मा * ताजिर = Trader सब कुछ माल की खपत पर होता है । जब ख़रीदार नहीं मिलता तो माल पड़ा रहता है । सारे दरवाज़े बंद मिलत…
रागदेश 2014 का सबसे बड़ा सवाल, मुसलमान! - क़मर वहीद नक़वी बीजेपी को लगता है कि 'हिन्दुत्व' अब बैसाखी के बजाय बाधा ही है. देश का नया…
दीप्ति श्री 'पाठक' वर्तमान में 'हिंदी विभाग काशी हिन्दू विश्वविद्यालय', वाराणसी में हिंदी पत्रकारिता 'स्नातकोत्तर' की …
दैनिक समाचार पत्रों की मुख्यधारा की पत्रकारिता में साहित्य और संस्कृति पर विमर्श और बहस की परंपरा को …
सुबह हुई। उसे चाय की तलब लगी। पर उसके पास समय नहीं था। उसने सोचा, इतने असुरक्षित जीवन में किसी इच्छा का क्या महत्त्व, चाहे वह चाय पीने जैसी अदना…