वर्तमान साहित्य
साहित्य, कला और सोच की पत्रिका
'वर्तमान साहित्य' जून, 2015 - आवरण व अनुक्रमणिका
आवरण के छायाकार दिलीप कुमार शर्मा ‘अज्ञात’
वर्ष 32 अंक 6 जून, 2015
सलाहकार संपादक: रवीन्द्र कालिया | संपादक: विभूति नारायण राय | कार्यकारी संपादक: भारत भारद्वाज | कला पक्ष: भरत तिवारी
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कबिरा हम सबकी कहैं/ विभूति नारायण राय
आलेख
क्या भारतेंदु मुसलिम विरोधी थे? / डा. मुश्ताक अली
रेणु की कहानियों में राजनीतिक चित्राण / भारत यायावर
धारावाहिक उपन्यास
कल्चर वल्चर / ममता कालिया
कहानी
वह रात किधर निकल गई / गीताश्री
तमाशा / मधु अरोड़ा
दास्तान-ए-शहादत / हरिओम
कविताएं / ग़ज़लें
ऋतुराज
मनोज कुमार श्रीवास्तव
प्रताप सोमवंशी (ग़ज़लें)
प्रमोद बेड़िया
बातचीत
विजय मोहन सिंह के बारे में विष्णु चन्द्र शर्मा से महेश दर्पण की बातचीत
अनुवाद
लाल बाल वाले (अमरीकी कहानी) / मूल: मेरी रोबर्ट्स राइन्हर्ट रूपांतरण: विजय शर्मा
मेंढ़क का मुंह (लातिनी अमरीकी कहानी) / मूल: इजाबेल अलेंदे अनु.: सुशांत सुप्रिय
स्मरण
वह ‘अपर दिनकर’ हमारा! (स्मरण में हैं आज दिनकर) / सुवास कुमार
मीडिया
बढ़ता ही जा रहा है मीडिया में आर्थिक पहलू /प्रांजल धर
स्तंभ
रचना संसार / सूरज प्रकाश
तेरी मेरी सबकी बात /नमिता सिंह
सम्मति: इधर-उधर से प्राप्त प्रतिक्रियाएं
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