हैप्पी बर्थडे राजेन्द्रजी | Happy Birthday Rajendra Yadav Ji


राजेन्द्र जी के लिए 

- भरत तिवारी


तूम  वो  मिट्टी  हो,  बने भगवान  जिससे
होते   हों   पूरे   कठिन   अरमान  जिससे

भूलना   पड़ता   है   याद’  आने से  पहले
तुम तो वो अहसास,  आये  जान  जिससे

तुम तो  वो हो  छोड़  कर   जाते  नहीं  जो
तुम तो वो हो, मिलती है पहचान जिससे

शब्द   तेरे   हों   'भरत'   जब जब   लिखे
तुम्ही वो ताक़त, हुआ कुछ नाम जिससे

००००००००००००००००

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

ये पढ़ी हैं आपने?

Hindi Story आय विल कॉल यू! — मोबाइल फोन, सेक्स और रूपा सिंह की हिंदी कहानी
कोरोना से पहले भी संक्रामक बीमारी से जूझी है ब्रिटिश दिल्ली —  नलिन चौहान
गिरिराज किशोर : स्मृतियां और अवदान — रवीन्द्र त्रिपाठी
मन्नू भंडारी की कहानी — 'रानी माँ का चबूतरा' | Manu Bhandari Short Story in Hindi - 'Rani Maa ka Chabutra'
ईदगाह: मुंशी प्रेमचंद की अमर कहानी | Idgah by Munshi Premchand for Eid 2025
ज़ेहाल-ए-मिस्कीं मकुन तग़ाफ़ुल Zehaal-e-miskeen makun taghaful زحالِ مسکیں مکن تغافل
मन्नू भंडारी की कहानी  — 'नई नौकरी' | Manu Bhandari Short Story in Hindi - 'Nayi Naukri' मन्नू भंडारी जी का जाना हिन्दी और उसके साहित्य के उपन्यास-जगत, कहानी-संसार का विराट नुकसान है
मन्नू भंडारी, कभी न होगा उनका अंत — ममता कालिया | Mamta Kalia Remembers Manu Bhandari
मैत्रेयी पुष्पा की कहानियाँ — 'पगला गई है भागवती!...'
मन्नू भंडारी: कहानी - एक कहानी यह भी (आत्मकथ्य)  Manu Bhandari - Hindi Kahani - Atmakathy