इस बदलते जग में बस तुम्हीं तो हो जो साथ हो अटल हो तुम, अचल हो तुम न साथ मेरा छोड़ना तुम मेरे पास रहो
महात्मा गांधी के प्रिय भजनों में से एक ईसाई प्रार्थना ‘एबाइड विद मी’ को इस साल बीटिंग द रिट्रीट समारोह से हटा दिया गया है
डॉ शशि थरूर का लेख: किसी परीकथा से भी आगे है सोनिया गांधी की जीवनकथा, जो गुजरी है बेहद दुरूह रास्तों से! सोनिया गांधी की असंभव कहानी! साभार नवजीव…
शब्दों का संसार — शशि थरूर खलीज टाइम्स के संपादक ने जब मुझे शब्दों और भाषा के ऊपर स्तम्भ लिखने के लिए आमंत्रित किया तो मैं तोड़ा झिझका। शब्दों के…
प्रताप भानु मेहता का अंग्रेज़ी लेखन मेरे लिए हिन्दुस्तानी अंग्रेज़ी लेखकों में सबसे बेहतर है. पीबीएम के न सिर्फ़ विचार और टिप्पणियाँ गहरी…
नरम घास, चिड़िया और नींद में मछलियां — उमा शंकर चौधरी कहानीकार को 'नरम घास, चिड़िया और नींद में मछलियां' कहानी कह पाने की बधाई से अध…