अनिल जनविजय 'नई दिशा' (मास्को) के मुख्य संपादक बने | Anil Jnvijay became Chief Editor 'Nayi Disha' (Moscow)


अनिल जनविजय

14 सितंबर को मनाए गए हिन्दी दिवस के अवसर पर मास्को में एक त्रैमासिक हिन्दी पत्रिका "नई दिशा" का पहला अंक निकाला गया। इस पत्रिका का प्रकाशन एक गैर-लाभकारी संगठन "दिशा" द्वारा शुरू किया गया है। इस संगठन के संस्थापक और अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर सिंह हैं।

उनका कहना है कि रूस में एक हिन्दी पत्रिका का प्रकाशन रूसी-भारतीय मैत्री सभा "दिशा" के कार्यों में एक तार्किक कदम है और "दिशा" के पांच साल के इतिहास में मील का पत्थर है। डॉ. रामेश्वर सिंह मास्को के जनमैत्री विश्वविद्यालय के एक स्नातक हैं और उन्होंने मास्को राजकीय विश्वविद्यालय से पीएचडी की हुई है। वह पिछले 30 से अधिक वर्षों से मास्को में रहते हैं। वह अपनी रूसी पत्नी और मास्को में रूसी व भारतीय सहयोगियों-व्यवसायियों के साथ मिलकर द्विपक्षीय संबंधों के विकास को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रहे हैं। वह भारतीय संस्कृति के त्योहारों व प्रदर्शनियों के अलावा हिन्दी का अध्ययन कर रहे रूसियों के बीच प्रतियोगिताओं का आयोजन करते हैं।

डॉ. रामेश्वर सिंह ने कहा कि हाल के वर्षों में इस तरह के रूसी लड़कों और लड़कियों की संख्या बढ़ती जा रही है।इसका कारण यह है कि संयुक्त उद्यमों और पर्यटन एजेंसियों में अनुवादकों का मांग बढ़ती जा रही है। "दिशा" के अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर सिंह का कहना है कि रूस में भारतीय व्यावसायिक समुदाय बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है। रूस में अपना कारोबार शुरू करनेवाले मेरे कई साथी उद्यमियों के लिए रूस के बारे में, रूसी कानूनों, शिक्षा प्रणाली, इस देश के नागरिकों के जीवन, विभिन्न क्षेत्रों की परंपराओं के बारे में अपनी मातृभाषा में जानकारी प्राप्त करना बहुत उपयोगी सिद्ध होगा।

"दिशा" के कार्यकर्ताओं के अनुरोध पर अनिल जनविजय त्रैमासिक पत्रिका "नई दिशा" के मुख्य संपादक बने हैं। अनिल जनविजय एक कवि हैं, मास्को के गोर्की राजकीय साहित्य संस्थान के स्नातक हैं और मास्को राजकीय विश्वविद्यालय के अंतर्गत "एशिया और अफ्रीका संस्थान" में हिन्दी भाषा और साहित्य के एक शिक्षक हैं। वह रूसी से हिन्दी और हिन्दी से रूसी में उल्लेखनीय अनुवाद करते हैं। उन्होंने कालजयी रूसी लेखकों: लेव ताल्स्तोय, अन्तोन चेख़व, मक्सिम गोर्की और बोरिस पास्तर्नाक के अलावा कवि येव्गेनी येव्तुशेन्को सहित कई समकालीन रूसी लेखकों की रचनाओं का हिन्दी में अनुवाद किया है, जिसे भारत में खूब मान्यता प्राप्त हुई है।

पत्रिका "नई दिशा" के मुद्रण की तैयारी के संबंध में अनिल जनविजय ने "स्पूतनिक" समाचार एजेंसी की संवाददाता नतालिया बेन्यूख को अपनी योजनाओं के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मास्को स्टेट यूनिवर्सिटी, मास्को राजकीय अंतर्राष्ट्रीय संबंध संस्थान में हिन्दी पढ़ाने वाले रूसी शिक्षकों और रूसी विज्ञान अकादमी के प्राच्यविद्या संस्थान में भारतीय अध्ययन केन्द्र के भारतविदों को संपादकीय मंडल में शामिल किया जाएगा।मास्को और सेंट पीटर्सबर्ग के विश्वविद्यालयों और अन्य रूसी विश्वविद्यालयों, जहाँ हिन्दी पढ़ाई जाती है, की वरिष्ठ कक्षाओं के छात्रों को भी संपादकीय मंडल में शामिल किया जाएगा। अनिल जनविजय ने बताया कि हम इस नई पत्रिका में रूस के बारे में, अर्थव्यवस्था, विज्ञान और संस्कृति के क्षेत्रों में रूसी-भारतीय सहयोग के बारे में सामग्रियां प्रकाशित करेंगे। हम इस पत्रिका में रूसी और भारतीय लेखकों की साहित्यिक कृतियों के कुछ अंशों के अलावा कॉमिक्स और सचित्र कहानियाँ भी प्रकाशित करेंगे। पत्रिका "नई दिशा" के मुद्रित और इंटरनेट, दो संस्करण होंगे। इसके पहले मुद्रित परीक्षण-संस्करण की 16 पृष्ठों वाली 1000 प्रतियों प्रकाशित की गई हैं। इनका वितरण भारत के कारोबारी समुदाय, रूसी विश्वविद्यालयों के पुस्तकालयों और भारतीय सभाओं के बीच किया जाएगा। "नई दिशा" का दूसरा अंक आगामी दिसंबर की शुरुआत में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा के दौरान होनेवाले रूसी-भारतीय शिखर सम्मेलन को समर्पित किया जाएगा। भारत में हिन्दी दिवस को समर्पित मुख्य समारोह भोपाल में आयोजित किया गया था। इन दिनों रूसी महानगरों मास्को और सेंट पीटर्सबर्ग में भी हिन्दी दिवस को समर्पित छात्र सम्मेलन और साहित्यिक संध्याएँ आयोजित की जा रही हैं।

००००००००००००००००
ख़बर साभार स्पुतनिक (http://hindi.sputniknews.com/rus/20150917/1015734363.html)

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

ये पढ़ी हैं आपने?

Hindi Story: कोई रिश्ता ना होगा तब — नीलिमा शर्मा की कहानी
विडियो में कविता: कौन जो बतलाये सच  — गिरधर राठी
इरफ़ान ख़ान, गहरी आंखों और समंदर-सी प्रतिभा वाला कलाकार  — यूनुस ख़ान
ईदगाह: मुंशी प्रेमचंद की अमर कहानी | Idgah by Munshi Premchand for Eid 2025
परिन्दों का लौटना: उर्मिला शिरीष की भावुक प्रेम कहानी 2025
Hindi Story आय विल कॉल यू! — मोबाइल फोन, सेक्स और रूपा सिंह की हिंदी कहानी
ज़ेहाल-ए-मिस्कीं मकुन तग़ाफ़ुल Zehaal-e-miskeen makun taghaful زحالِ مسکیں مکن تغافل
रेणु हुसैन की 5 गज़लें और परिचय: प्रेम और संवेदना की शायरी | Shabdankan
एक पेड़ की मौत: अलका सरावगी की हिंदी कहानी | 2025 पर्यावरण चेतना
द ग्रेट कंचना सर्कस: मृदुला गर्ग की भूमिका - विश्वास पाटील की साहसिक कथा