नामवर होना ... ~ भरत तिवारी महान तो सब बनना चाहते हैं। अब ये अलग बात है कि इन दिनों - बनें भले ही नहीं, लेकिन ख़ुद को महान समझना और औरों को …
बेचैन रूह का मुसाफिर - 2 Ravindra Kalia's memoir of Alok Jain रवीन्द्र कालिया संस्मरण वरिष्ठ कथाकार रवीन्द्र कालिया अपने संस्म…
This fight (between tolerance and intolerance) has become Ridiculous and frightening - Ravish Kumar देश की बदनामी न हो इसलिए मैं ज़हरीली हवा…
असहिष्णुता आपको दिखती नहीं क्योंकि आप मुसलमान नहीं है - नीरेंद्र नागर आमिर खान ने एक इंटरव्यू में कहा है कि देश में पिछले छह-आठ …
कविता (Poem) रघुवंश मणि रघुवंशमणि कवि, आलोचक एवं अनुवादक। जन्म: 30.06.1964, लखनऊ। पिता: आचार्य राममणि त्रिपाठी। शिक्षा: एम.ए. अंग्रेजी…
मैं यशः काया की तुलना में अपनी भौतिक काया तुमको अर्पित कर सकता हूँ - कालिदास कल (18 नवम्बर 2015) त्रिवेणी कला संगम सभागार में 'युवा…
Artist's murder is the killing of Brahm Uday Prakash संगीत या गणित कला और विज्ञान के दो सबसे विकसितम रूप है, कला का यह लक्ष्य होता ह…
Why doubt on the author - Uday Prakash आप लेखक पर क्यों संदेह करते हैं - उदय प्रकाश Uday Prakash speaks on Intolerance in India at a …
वर्तमान साहित्य - नवम्बर 2015 Vartman Sahitya - November 2015 वर्तमान साहित्य साहित्य, कला और सोच की पत्रिका वर्ष 32 अंक 11 नव…
द्रौपदी पीक ~ किरण सिंह कहानी कहने की कला में पारंगत होती-सी किरण सिंह ने हिंदी-कहानी-साहित्य में – जहाँ तक मुझे लगता है - एक बिलकुल …