डिंपल जी उस पिता के बारे में सोचिए, जिसकी बेटी से साथ रेप हुआ है — अजीत अंजुम @ajitanjum



काश! सत्ता। सरकार और सिस्टम के भीतर धड़कने वाला कोई पुर्जा होता।

— अजीत अंजुम

उस पिता के बारे में सोचिए, जिसकी बेटी से साथ रेप हुआ है। जिसकी चीख़ें सुनकर भी वो कुछ कर नहीं सका। जब बेटी ने पापा... पापा... की आवाज़ लगाई और पापा ने बेटी को बचाने की कोशिश की तो उसकी इतनी पिटाई कर दी गई कि वो बेदम हो गया।



एक दो दिन संसद और विधानसभाओं में हंगामा होगा। सत्ता से सवाल पूछने की रस्म अदायगी होगी। गैंग रेप पर सरकार को घेरने की सियासत होगी। मीडिया के दबाव में पुलिस की दिखावटी मुस्तैदी होगी। टीवी चैनलों मे बहस, ग़ुस्सा और हल्ला बोल होगा। फिर गैंग रेप की ये घटना सबकी स्मृति से लोप हो जाएगी। सब अपने-अपने अगले एजेंडे को साधने में लग जाएँगे। लेकिन इस पीडित परिवार का क्या होगा ?



ज़रा उस बेटी के बारे में सोचिए। जिसके साथ दरिंदगी हुई है। उस माँ के बारे में सोचिए। जो बेटी के साथ ख़ुद भी शिकार हुई है। उस पिता के बारे में सोचिए, जिसकी बेटी से साथ रेप हुआ है। जिसकी चीख़ें सुनकर भी वो कुछ कर नहीं सका। जब बेटी ने पापा... पापा... की आवाज़ लगाई और पापा ने बेटी को बचाने की कोशिश की तो उसकी इतनी पिटाई कर दी गई कि वो बेदम हो गया। बेबस बेटी की निरीह आवाज़ उसे कैसे जीने देगी। बेटी ने विरोध किया तो माँ-बाप को मार देने की धमकी देकर उसके साथ ज़बरदस्ती की गई। माँ भी बेचारी क्या करती। वो ख़ुद भी तो उन दरिदों के चंगुल में थी। आज पिता कह रहा है अगर हमें इंसाफ़ नहीं मिला तो परिवार समेत ख़ुदकुशी कर लेंगे। उसकी बेटी उसे कह रही है - पापा। मैं सोने की कोशिश करती हूँ तो उन हैवानों के डरावने चेहरे सामने आ जाते हैं। क्या करे पापा ? अपनी बेटी को संभालने के लिए क्या करे वो माँ। जो ख़ुद दरिंदगी का शिकार हुई है। मैं तो ये पंक्तियाँ लिखते समय रो रहा हूँ उस पिता का दर्द महसूस करके... चश्मे पर आँसुओं की बूँदे इन शब्दों को बार-बार ओझल कर रही है।

काश! सत्ता। सरकार और सिस्टम के भीतर धड़कने वाला कोई पुर्जा होता। 



डिंपल जी। आप नेता भी हैं। सांसद भी हैं। सूबे के सीएम की पत्नी भी हैं और बच्चों की माँ भी। हो सकता है अखिलेश जी अपने राज-काज में इतने व्यस्त हों कि उन्हें यूपी समेत देश में हर रोज़ हो रही रेप की रूटीन घटनाओं की तरह लगे और उनके पास इतनी फ़ुर्सत भी न हो कि एक पिता... एक माँ या एक बेटी के दर्द को समझ पाएँ। मीडिया के दबाव में चार-अफ़सरों को सस्पेंड करके उन्हें अपना सियासी फ़र्ज़ निभा देने का अहसास भी हो रहा होगा। उनके लिए यूपी के 20 करोड़ नागरिक में से ये भी हैं। हर रोज़ हो रही रेप की घटनाओं की तरह एक घटना ये भी है लेकिन आप तो थोड़ा वक़्त निकाल सकती हैं। इस परिवार का दर्द समझने के लिए। संसद और मुख्यमंत्री आवास की व्यस्तताओं से समय निकालकर एक बार उस पिता /बेटी और माँ से मिलिए। और हाँ। अपने सरकारी अमले और क़ाफ़िले से अलग हटकर मिलिए। उनके दर्द को समझिए और सोचिए कि ताउम्र किस दंश के साथ जिएँगे वो ?

एक ग़रीब पिता जो टैक्सी चलाकर अपने परिवार को पाल रहा था, उसे तो अब समाज/मोहल्ला/परिवेश सभी चाहे अनचाहे घुटने और ठीहा बदलने को मजबूर कर रहे हैं। क्या करे वो बाप ? क्या करे वो माँ ? क्या करे वो बेटी ? अब देखिए न... अखिलेश यादव के चाचा जान और आपकी सरकार के मंत्री आज़म खान को तो गैंगरेप की इस जघन्य घटना में भी विपक्षी दल की साज़िश नज़र आ रही है। सत्ता और सरकार के चचा जान को अगर गैंगरेप में भी साज़िश नज़र आ रही है तो हम आपका पक्ष जानना चाहते हैं।

तुम भी एक बाप हो... मैं भी बाप हूँ.... तुम भी रो रहे हो... मैं भी रो रहा हूँ... 

और अंत में रोते हुए पिता के नाम तुम भी एक बाप हो... मैं भी बाप हूँ.... तुम भी रो रहे हो... मैं भी रो रहा हूँ... रोना हमारी नियति हैं क्योंकि नीति नियंता के लिए हम और तुम सवा सौ करोड़ की भीड़ का एक हिस्सा भर हैं। वोट भर हैं। तुम्हारी बात तो दुनिया सुन भी रही है लेकिन लाखों ऐसे अभागे माँ-बाप हैं, जिनकी तो कोई सुनता भी नहीं। हिम्मत रखो... ख़ुद को भी हौसला दो अपनी बेटी और पत्नी को भी।

(लेखक अजीत अंजुम देश के नंबर वन चैनल India TV में मैनेजिंग एडिटर है)
साभार khabarindiatv

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4 टिप्पणियाँ

  1. Ajit Anjum ji, aapke shabd aur ye ghatna dil ko hila dene wali he. Kya desh me beti bachao beti padhao ka abhiyan isiliye chal raha he taki un bachai evam padhai gai betiyo ko kuch darinde noch khaye? Media ko jo mudda milta he us pe4 din bahas fir kya? Naya mudda nahi kahani, unka kya jinki zindagiya narak ban gai?

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  2. Ajit Anjum ji, aapke shabd aur ye ghatna dil ko hila dene wali he. Kya desh me beti bachao beti padhao ka abhiyan isiliye chal raha he taki un bachai evam padhai gai betiyo ko kuch darinde noch khaye? Media ko jo mudda milta he us pe4 din bahas fir kya? Naya mudda nahi kahani, unka kya jinki zindagiya narak ban gai?

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  3. Har larkee ko Juro karate aur self defence kee raining dee jay. Muft. har larkee ko how to face a rape so that during rape she can kill or faint the rapist.
    Har rapist ka case 5 saal jail kee saja katne ke bad khule. aur sajay maut ke alawa kuch bee doosree saja na ho.

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  4. Meera ji vah ladki marshal art janti thi ..par 12 darindo ke samne aur pita bhai ko marne ki dhamki ke samne bebas ..Ajit Anjum ji aapne sahi kaha soobe ke CM ki patni to mahila hone ke nate is dard ko samjhe ...

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