Photographs and Report
68th Rajkamal Prakashan Foundation Day
28 फरवरी को कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में राजकमल प्रकाशन ने अपना 68वां स्थापना दिवस मनाया. कार्यक्रम में इतिहासकार सुधीर चंद्र द्वारा 'गाँधी: राजनीति और नैतिकता' पर व्याख्यान हुआ'। 1947 में स्थापित राजकमल प्रकाशन समूह हिंदी का दिग्गज प्रकाशक माना जाता है. कार्यक्रम की कुछेक तस्वीरें और रिपोर्ट यहाँ आपसब के लिए.
भरत तिवारी
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjBp4GGNHYPo5jKywNPzlks-biMSfVO1ln3YRnYfb_mSoN_rwxQG2OSCdPSLPzeWWh-VzZtgCqvyfQtcAbtSTianJfhCiBmzUNRgq2saagbDXMGKfphZafLxEcfUAq4SeNW9taWSbRzEnLK/s1600-rw/rajkamal-prakashan-kedar-nath-singh-photography-bharat-tiwari+%25289%2529.jpg) |
प्रो० केदारनाथ सिंह |
इस मौके पर
केदारनाथ सिंह ने कहा, "राजकमल प्रकाशन को हिंदी का बहुत ही महत्वपूर्ण संस्थान मानता हूँ । पिछले साठ से अधिक वर्षों में हिंदी और भारतीय भाषाओँ में जो महत्वपूर्ण लिखा जाता है वह सब राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित हुआ है । यह आकार किसी भी और प्रकाशन का नहीं है । नई व्यवस्था में यह संभव हुआ है । मैं राजकमल के इस नए अभियान का स्वागत करता हूँ ।"
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi4D-Qi5L3ES8bK46k7j9sdlGP7ftjlTcIURMXOz25adg4etm_lqPbv_ZOoangxgwaUZTZv-6rUMCkGrg0hnkbxywScrMB27HVdoNPN1p3Xpac0vCJhg6V9566IojOFiROdKIw6PNN5olcD/s1600-rw/rajkamal-prakashan-sudhir-chandra-photography-bharat-tiwari+%252810%2529.jpg) |
सुधीर चन्द्र |
सुप्रसिद्ध इतिहासकार
सुधीर चन्द्र ने 'गाँधी: राजनीति और नैतिकता' पर व्याख्यान पर बोलते हुए कहा " यह गाँधी कि नैतिकता ही थी जउनखे चंपारन जैसे आंदोलनों में जीत दिलवाई। जिस तरह हमारी दुनिया में हिंसा बढती जा रही है, गांधी की प्रासंगिकता पहले से भी ज्यादा हो गयी है । लेकिन विडम्बना ये है कि गांधी की सम्भावना अब लगातार घटती जा रही है । "
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgj-aj0JAc3xOutTAWczcBm-0yJBdpSbmOzDgm-nTtX0rwomvAsAtHJMj6LYpp5MlKVrKVn1XXHtkUZwzYxqa1qZn0KUHxFPkwolIZS1HJfdoE7M-QfpsD6nTzc_dvGy9r7z_iTYZn8rFv5/s1600-rw/rajkamal-prakashan-kedarnath-singh-namvar-singh-photography-bharat-tiwari+%25281%2529.jpg) |
प्रो० नामवर सिंह और प्रो० केदारनाथ सिंह |
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg9QYmqQ47XRPcH-V-2wZ6PfwLibBZPFQTqTOC91B3EpNqdBYTrBPRahtsPSBFaGujLms-fZogZxccId_-LJoNvGBB-P1utfPGWVQ9Oj9O7cyi2qeYMfaSgLMQj-GZvZkiuDqt4u3hom7RT/s1600-rw/rajkamal-prakashan-namvar-singh-alok-maheswari-kedarnath-singh-sudhir-chandra-photography-bharat-tiwari+%25286%2529.jpg) |
प्रो0 नामवर सिंह, अशोक माहेश्वरी, प्रो० केदारनाथ सिंह और सुधीर चन्द्र |
राजकमल प्रकाशन के प्रबंध निदेशक
अशोक महेश्वरी ने कहा "आज के समय की प्रासंगिकता को परिभाषित करने का सबसे सशक्त माध्यम किताब है ।किताब से अपने समय को परिभाषित करना भी है इसमें गाँधी जी से सहायक कोई नहीं हो सकता ।यह वर्ष चंपारण सत्याग्रह के 100 वे वर्षगांठ का भी है ।इस अवसर पर हमने राजकमल प्रकाशन स्थापना दिवस के लिए सुधीर चंद्र जी जो की प्रसिद्ध इतिहासकार और गांधीवादी चिंतक हैं को आमंत्रित किया है व्याख्यान का विषय गाँधी : राजनीति और नैतिकता है ।राजकमल प्रकाशन अपने 70 वे वर्ष की ओर बढ़ रहा है हमारी यह यात्रा अपने सहयोगियों के बिना संभव नहीं थी ।इसी वर्ष राजकमल की पटना शाखा को भी 60 वर्ष पूरे हुए हैं इस उपलक्ष्य में एक भव्य आयोजन भी हम करने जा रहे हैं ,जिसमें बिहार के वरिष्ठ लेखकों की पुस्तकें जारी होंगी और साथ ही हम एक पुस्तक यात्रा निकालेंगे जो की पटना से पूर्णिया तक जाएगी जिसमें हम दिनकर,नागार्जुन के गांव होते हुए रेणु के गांव तक पहुँचेंगे"।
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiQYvtCDYIg3yHhh8DRHrhhyu_RfIQXWxhHi0UzVBCDfrLRUvYlP3Fjvf4UKeR9dhZJZ6fh7LVmA7nylX5U941T2omIzljDGIfQy2-77-YBI_Plu-OU2W4E6a8zuwNzYfkhNl6KyFdEKVXO/s1600-rw/rajkamal-prakashan-namvar-singh-photography-bharat-tiwari+%25287%2529.jpg) |
प्रो0 नामवर सिंह |
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiWnsiD6J1yaX_GY9WGEssAZBKqm9wnh3DWClb0icpIi0do3KaFxBptbsztb8oKILGH0EnJ7c-0xcn7P5QYE87FJ6IdYVBsvQ8Lzpaj656hkT9uKF_t9fsXzHVZqszv6_3fEg6Te7hN3exA/s1600-rw/rajkamal-prakashan-amod-maheshwari-alind-maheswari-photography-bharat-tiwari+%25285%2529.jpg) |
आमोद माहेश्वरी, पुत्र व भाई आलिन्द माहेश्वरी |
अलिंद महेश्वरी ने राजकमल के डिजिटल प्लान जैसे इ-बुक्स और ऑडियो बुक्स पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हमारा मक़सद हैं कि हम किताब को हर जगह हर लोगों तक पहुंचाएं। इ-बुक्स और राजकमल से अपने साथ के बारे में 'किंडल इण्डिया' कि टीम का कहना हैं, "हमने हाल ही में हिंदी पुस्तकों पर ध्यान देना शुरू कर दिया हैं और राजकमल के साथ सहभागिता से हम बहुत उत्साहित हैं। "
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj0wFEPzS6BRs3LYS5posHj6Or_3mhEPi_40PE9IgN6ROIgWXr9of5eZuhCbfyZok6lcAqPGRGFfD63_PALeEeeZzIFo1TgYdztNtSJ5gCblKgd49bXlz_YwMhf7uek_rUkjmrzhmpu5_Zx/s1600-rw/rajkamal-prakashan-amod-maheshwari-alok-maheshwari-namvar-singh-kedarnath-singh-photography-bharat-tiwari+%25284%2529.jpg) |
आमोद माहेश्वरी, अशोक माहेश्वरी, प्रो0 नामवर सिंह, प्रो० केदारनाथ सिंह और सुधीर चन्द्र |
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgH99gbBRBUw9qH-LTeLVWX-vuDKuQScmuD59rRqKkyWyTBdDaDIbPDcjEKyAff1BmIYinfWGxaR4IZW-y6j_nb-i33Vla3A4v0OlDdfiYstFOdwjiM4nGrf_hINtgvdTRaiWYdQndlneON/s1600-rw/rajkamal-prakashan-family-ashok-maheshwari-photography-bharat-tiwari+%25283%2529.jpg) |
दायें से १,२,३,4,अशोक माहेश्वरी,माहेश्वरी,7,सुमन परमार, इम्तियाज़ आलम, भरत तिवारी
पीछे खड़े हैं बाएं से श्रुति माहेश्वरी, आमोद माहेश्वरी, अलिंद माहेश्वरी नेहा माहेश्वरी (छाया : इरफ़ान अहमद) |
68वें स्थापना दिवस पर '
राजकमल पाठकमित्र सम्मान' भी दिया गया। यह सम्मान राजकमल प्रकाशन के कर्मचारी
लालाजी और
रामजी को दिया गया, जो कि कई सालों से इस प्रकाशन समूह से जुड़े हुए हैं।
श्री
ज्ञानेंद्रपति ने 'राजकमल प्रकाशन पाठक मित्र सम्मान' प्रदान करते हुए कहा " आलोक-स्तम्भ न भी हों, पटना के छात्र-जीवन में मेरे लिए लैम्प-पोस्ट की मद्धिम आत्मीय रोशनी का मानवीय पर्याय रहे हैं राजकमल प्रकाशन के लालाजी, जिनके उजागर स्नेह-वृत में झुककर किताबों को पढ़ने और जीवन को धन्य करने वाले जीवन-व्यापी पुस्तक-प्रेम में पड़ने का सौभाग्य हासिल हुआ -- उन्हीं लालाजी के पुस्तक- पोढाय हाथों के लिए यह कविता-- कृतज्ञतापूर्वक, श्रद्धापूर्वक ।"
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjLXkC2m_omb6Nk4ZV9esGxqcLgGErUWuxQHbNfNRv9IeqCUYHqTRap7wr252g_R3P1Pu8nvZ9N8CEPISQoCUQPFob12RZGWbJnxChpBXyRf9wj2gpeUW0gN-esytNaR6Ol5xdlLIEEHU9a/s1600-rw/rajkamal-prakashan-amod-alind-wife-photography-bharat-tiwari+%25282%2529.jpg) |
बाएं से नेहा, आलिन्द, आमोद, बिटिया व श्रुति माहेश्वरी |
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiEXJN7iq9IsbvZSpGP_808LVnWwm-rrSKh98Upi2zX-Uy5cuKn1ulOmnKcLcnmajVwNn3EFbv3pRScKUnhnOVIBVtV0GNEnIC0jiGsMcVD6r4oUz0Ig4HlG4xbxAhaCGMeGj2mJE_f_i-_/s1600-rw/rajkamal-prakashan-kedarnath-singh-namvar-singh-photography-bharat-tiwari+%25288%2529.jpg) |
प्रो० केदारनाथ सिंह और प्रो० नामवर सिंह |
▲▲लाइक कीजिये अपडेट रहिये
(ये लेखक के अपने विचार हैं।)
००००००००००००००००
0 टिप्पणियाँ