गौरक्षक-विरोध और मेरा स्वार्थ — अभिसार शर्मा | Abhisar Sharma Blog #CowVigilantism


आइये मेरे जैसे स्वार्थी बन जाइये 

— अभिसार शर्मा

Abhisar Sharma Blog

मैं नहीं चाहता के भारतीय Passport शर्मिन्दगी का सबब बने। — अभिसार शर्मा

गाय और मजहब के नाम पर हत्या — जिसे हम अब mob lynching का नाम देते हैं —  उसके नंगे नाच के खिलाफ मेरे विरोध के कुछ निजी कारण हैं। आप मुझे Selfish या स्वार्थी भी कह सकते हैं। परवाह नहीं। मैं बताता हूँ वो निजी कारण क्या हैं? —  मैं एक Middle Class Family से आता हूँ। मैं पढ़ाई में बहुत औसत था। हर पिता की तरह मेरे पापा की भी मुझसे बड़ी उम्मीदें थीं। उनकी उम्मीदें मैं पूरी नहीं कर पाया और अब वैसी ही उम्मीदें मुझे अपने बच्चों से हैं। मैं चाहता हूँ वे खूब पढ़ें-लिखें, और Scholarship लेकर बाहर किसी University में जायें। मगर मैं नहीं चाहता के उनके passport  को लेकर उनपर तंज कसे जायें, उन्हें गौ-आतंकवादी कहा जाये, उन पर ताने कसे जायें। बिलकुल वैसे ही जैसा पाकिस्तानियों के साथ होता है। Passport पर पाकिस्तान ठप्पा देखते ही वे शक के घेरे में आ जाते हैं। मैं नहीं चाहता के भारतीय Passport शर्मिन्दगी का सबब बने।

Photo: dawn.com
मैं यह नहीं चाहता के बड़े होकर, मेरे बच्चे मुझसे कहें कि ‘तुमने इस अन्याय का विरोध नहीं किया और अब तुम्हारी खामोशी का खामियाजा हम भुगत रहे हैं।‘  — अभिसार शर्मा

इन गौ-आतंकियों ने मेरे देश की अस्मिता, उसके वर्चस्व पर हमला किया है। ये लोग मेरे देश को बदनाम कर रहे हैं। ये मुझे स्वीकार नहीं। मैं यह नहीं चाहता के बड़े होकर, मेरे बच्चे मुझसे कहें कि ‘तुमने इस अन्याय का विरोध नहीं किया और अब तुम्हारी खामोशी का खामियाजा हम भुगत रहे हैं।‘ मैं इसलिये नफरत की वहशत के खिलाफ बोल रहा हूँ। वर्तमान सरकार और उसकी विचारधारा के चाटुकार एक समानांतर Propaganda के ज़रिये आपको बताने की कोशिश करेंगे कि गाय के नाम पर हत्या कोई नई बात नहीं है। ये लोग सरकारी आंकडों को भी नजरअंदाज करेंगे। समझिये, ये सिर्फ हमारी दया के पात्र हैं। ये नहीं समझना चाहते इनकी चाटुकारिता का खामियाजा, इनके बच्चे, इनकी आने वाली पीढी भुगतेगी। मेरी तरह यह भी स्वार्थी हैं। फर्क इतना है कि मैं अपने बच्चों के भविष्य के लिये और ये अपने त्वरित, निकटतम भविष्य के लिये, अपनी रोजी रोटी के लिये।

आपके लिये ये चुनौती है कि आप हताश नहीं हों। उम्मीद का दामन ना छोड़ें। ये तो चाहते ही हैं कि आप हिंसा का रास्ता अख्तियार करें और आप पर वही तमगे लगाये जायें... आतंकवादी... देशद्रोही  — अभिसार शर्मा 

जुनैद, 15 साल के जुनैद को मार दिया ‘तुमने’। कितने ख्वाब सजाये होंगे उसकी मां ने...बिलकुल उसी तरह जैसे मैं अपने बच्चों को लेकर सजाये हुए हूँ। उस मां का दर्द बयान, महसूस कर सकते हो ‘तुम’? बोलो?


ये मत उम्मीद करो के देश के प्रधानमंत्री या BJP के अध्यक्ष इस मुद्दे पर कोई बयान देंगे। आजाद भारत के इतिहास के ये सबसे कमजोर प्रधानमंत्री और नेता हैं। Trump इनसे बेशक गले ना मिलना चाहे, मगर उससे तीन-तीन बार गले मिलेंगे, अपनी फजीहत करवायेंगे, मगर जुनैद या अखलाक के परिवार से गले कभी नहीं मिलेंगे। मुझसे इनसे कोई उम्मीद नहीं है।


आपके लिये ये चुनौती है कि आप हताश नहीं हों। उम्मीद का दामन ना छोड़ें। ये तो चाहते ही हैं कि आप हिंसा का रास्ता अख्तियार करें और आप पर वही तमगे लगाये जायें...आतंकवादी...देशद्रोही और आपको साथ मिलेगा — कुछ फर्जी Channels का —  मगर याद रखें, इंसानियत, मासूमियत और सच में बडी ताकत है। इसके सामने सभी तरह के झूठ बौने पड़ जाते हैं। ये लोग भी जानते हैं। इसलिये ये अहिंसात्मक विरोध से डरते हैं। इसका दामन मत छोड़ना।

और मैं भी तुम्हारे साथ हूँ और मेरे जैसे बहुत सारे हिन्दुस्तानी भी। क्योंकि उन सबको अपने भविष्य की चिंता है। निजी स्वार्थ ही सही। वो आपके साथ हैं।

देश का दुख कौन हरेगा? अमरीका? ट्रम्प? या हंसी-ठट्ठा?



अभिसार शर्मा
जाने-माने संपादक और टीवी एंकर
Twitter@abhisar_sharma
(ये लेखक के अपने विचार हैं।)

००००००००००००००००


एक टिप्पणी भेजें

1 टिप्पणियाँ

ये पढ़ी हैं आपने?

Hindi Story आय विल कॉल यू! — मोबाइल फोन, सेक्स और रूपा सिंह की हिंदी कहानी
गिरिराज किशोर : स्मृतियां और अवदान — रवीन्द्र त्रिपाठी
कोरोना से पहले भी संक्रामक बीमारी से जूझी है ब्रिटिश दिल्ली —  नलिन चौहान
थोड़ा-सा सुख - अनामिका अनु की हिंदी कहानी
मन्नू भंडारी की कहानी — 'रानी माँ का चबूतरा' | Manu Bhandari Short Story in Hindi - 'Rani Maa ka Chabutra'
मन्नू भंडारी की कहानी  — 'नई नौकरी' | Manu Bhandari Short Story in Hindi - 'Nayi Naukri' मन्नू भंडारी जी का जाना हिन्दी और उसके साहित्य के उपन्यास-जगत, कहानी-संसार का विराट नुकसान है
मन्नू भंडारी: कहानी - एक कहानी यह भी (आत्मकथ्य)  Manu Bhandari - Hindi Kahani - Atmakathy
मैत्रेयी पुष्पा की कहानियाँ — 'पगला गई है भागवती!...'
ज़ेहाल-ए-मिस्कीं मकुन तग़ाफ़ुल Zehaal-e-miskeen makun taghaful زحالِ مسکیں مکن تغافل
ईदगाह: मुंशी प्रेमचंद की अमर कहानी | Idgah by Munshi Premchand for Eid 2025