किसका जौहर सीता का_कि पद्मावती_का — प्रज्ञा #Padmavati



किसका जौहर सीता का_कि पद्मावती_का — प्रज्ञा


किसे होना चाहिये आपका आदर्श?

— प्रज्ञा

कहानी को कहानी रहने दीजिये, स्त्री का आत्मसम्मान, उसका आदर्श इससे कहीं ज्यादा ऊंचा है।
यदि काल्पनिक या दन्त कथाओं पर ही इतनी मारकाट मचानी है तब आप किसके पक्ष में खड़े होंगे? कौन आपके लिये बड़ा होगा: सीता कि पद्मावती ?

पद्मावती पर कई दिनों से बहस जारी है। उसका रूप, उसका पतिव्रता होना। और प्रतिमान बनता है अपने शील की रक्षा के लिये जौहर करना। पर सवाल है अपने जीवन के लिये अंतिम समय तक किस प्रकार का संघर्ष किया उसने? आप यदि अन्याय के खिलाफ खड़े हैं तो आप संघर्ष करेंगे न? जिन्हें पद्मावती दिख रही है उन्हें जरा मिथकीय चरित्र सीता को भी देखना चाहिए। अत्याचारी के दुर्ग में रही, अपने सम्मान के लिये जीवित रहकर निरन्तर संघर्ष करती रही। यदि जौहर आपके लिये पवित्रता का खरा और बड़ा आदर्श है तो माफ कीजियेगा सीता उस पर खरी नहीं उतरेंगी। वे विषम परिस्थितियों में न सिर्फ जिंदा रही बल्कि लड़ती रही। अकेली ,अपने दम पर। ये अलग बात है कि पितृसत्ता ने उसकी शुचिता का भी प्रमाण मांगा। इस अपमान के बाद जब दूसरी बार भी अपमानित हुई तो लौटकर पति के पास नहीं आई। तो आप बताइए यदि काल्पनिक या दन्त कथाओं पर ही इतनी मारकाट मचानी है तब आप किसके पक्ष में खड़े होंगे? कौन आपके लिये बड़ा होगा?

और बात यदि इतिहास के संदर्भ में रानियों की  करनी है तो रानी लक्ष्मी बाई,चाँद बीबी, रजिया के बराबर भी पद्मावती को रख लीजिये। जहां ये रानियां अपनी अस्मिता के लिये संघर्ष करती रहीं, पद्मावती ने क्या किया?लक्ष्मी बाई का तो पति भी नहीं रहा था तो क्या उसने झांसी सहज सौंप दी?झांसी के लिये अंतिम सांस तक संघर्ष किया।
कहानी को कहानी रहने दीजिये, स्त्री का आत्मसम्मान, उसका आदर्श इससे कहीं ज्यादा ऊंचा है। सती और जौहर को यदि आप स्त्री सम्मान में रिड्यूस करेंगे तो भारी दिक्कत होगी। ये दोनों पुरुष के सम्मान के लिये स्त्री के न्योछावर हो जाने से अधिक कुछ भी नहीं है। इक्कीसवीं सदी को अपने समय और आगे के समय की ओर देखना-दिखाना है या जड़ता की कन्दराओं से यही पितृसत्ता के सम्मान के सच पाने हैं और आत्ममुग्ध रहना है?

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

ये पढ़ी हैं आपने?

Hindi Story आय विल कॉल यू! — मोबाइल फोन, सेक्स और रूपा सिंह की हिंदी कहानी
कोरोना से पहले भी संक्रामक बीमारी से जूझी है ब्रिटिश दिल्ली —  नलिन चौहान
गिरिराज किशोर : स्मृतियां और अवदान — रवीन्द्र त्रिपाठी
मैत्रेयी पुष्पा की कहानियाँ — 'पगला गई है भागवती!...'
एक पेड़ की मौत: अलका सरावगी की हिंदी कहानी | 2025 पर्यावरण चेतना
Harvard, Columbia, Yale, Stanford, Tufts and other US university student & alumni STATEMENT ON POLICE BRUTALITY ON UNIVERSITY CAMPUSES
ईदगाह: मुंशी प्रेमचंद की अमर कहानी | Idgah by Munshi Premchand for Eid 2025
तू तौ वहां रह्यौ ऐ, कहानी सुनाय सकै जामिआ की — अशोक चक्रधर | #जामिया
मन्नू भंडारी: कहानी - एक कहानी यह भी (आत्मकथ्य)  Manu Bhandari - Hindi Kahani - Atmakathy
ठण्डी चाय: संदीप तोमर की भावनात्मक कहानी