हमारी बेटियों का बचाव डिजिटल पढ़ाई में हो रहे बड़े लिंग विभाजन से भी हो डॉ शशि थरूर
स्त्री विमर्श उस रोज़ प्रख्यात हिंदी व मैथिली कथाकार उषाकिरण खान जी साहित्य अकादमी के 'कथासंधि' कार्यक्रम में भाई कुमार अनुपम से बातचीत कर र…
कालाहांडी की यह हांड कंपाने वाली घटना जिसमें रिश्ते में भाई ने बहन के साथ कौटुम्बिक व्यभिचार किया. विकास की परतें दिखाती यह रिपोर्ट, वरिष्ठ …
नक्सलवाद की समस्या लिखते एवं समाधान तलाशते अमरेंद्र किशोर की आगामी पुस्तक "ये माताएं अनब्याही हैं" के हर अंश को आप कम से कम पढ़ते ज़…
अमरेंद्र किशोर , वरिष्ठ पत्रकार की हर रिपोर्ट वह ज़रूरी कागज़ है जिसे देखा जाना चाहिए. इन कागज़ों को देखते हुए नक्सलवाद समस्या को न सिर्फ़ समझा…
स्त्री यौनिकता की कहानी — महुआ मदन रस टपके रे — विभा रानी ‘हमारी कोई इच्छा ही नहीं? बस, उनकी तृप्ति तक ही अपनी यात्रा? अधूरी यात्रा छोड़ने …
टीआरपी के बिसातियों न प्राइम टाइम में हंगामा मचा और न कोई कवर स्टोरी सामने आयी अनब्याही माता होने की पीढ़ीगत परम्परा के अनगिनत महीन और भद्द…
हिंदी में पीएचडी यशस्विनी पांडेय, बुद्ध के महापरिनिर्वाण भूमि कुशीनगर की जन्मी हैं. आजकल वडोदरा में रहती हैं. कविता…
किसे होना चाहिये आपका आदर्श? — प्रज्ञा कहानी को कहानी रहने दीजिये, स्त्री का आत्मसम्मान, उसका आदर्श इससे कहीं ज्यादा ऊंचा है। …
स्त्रियों द्वारा अपनी अस्मिता का रेखांकन पुरुषों को “स्वभावतः!” बुरा लगता है। — सुमन केशरी Suman Keshari जब कोई स्त्री पुरुषों…
बड़े प्रतिरोध की आलोचनात्मक भाषा तो और शिष्ट और तर्कसम्मत होनी चाहिए — अनामिका घृणा और आवेग से काँपती हुई भाषा यही बताती है कि आपके बच…
असली सच तो वह है जो शराब की कंपनी के सूडो-विज्ञापन में दिखता है 'मैन विल बी मैन' यानि 'आदमी अपनी जात से नहीं जायेगा'!... जायेगा …