’शाल्मली’ के बहाने स्त्री विमर्श पर चर्चा उर्फ ’’नियम और धर्म केवल कागज पर लिखने के लिए होते हैं या फिर तुम औरतों के लिए…
ट्रिपल तलाक़ के मुद्दे पर भारत में जिस तरह की दुविधा का माहौल है, जिस तरह अधिकतर लोगों ने 'नेताओं वाली चुप्पी' ओढ़ी हुई है, उसे समझना कम से क…
पति को उसके माँ बाप से दूर किये जाने में पत्नी की भूमिका दुखद रही है...सुप्रीम कोर्ट ने इस मूद्दे पर कहा है कि ऐसा किया जाना क्रूरता है और इस बिन…
इक्कीसवीं सदी और ट्रिपल तलाक़ — प्रितपाल कौर प्रितपाल कौर pritpalkaur@gmail.com +919811278721 देश में एक बार फिर मुसलमानों में प्रच…
ज़रूरी होता है — ख़ुद को याद दिलाते रहना — कि लड़ाई आसान नहीं है, गगन गिल अपने आख्यान में पूछती हैं, "नारी की रूप-कामना ध्वंसकारी कब बनी?"…
जिसे महायानी बौद्ध ‘म्यूचुअल पॅाजे़शन ऑफ टेन वर्लड्स’ कहते हैं, मध्यकालीन स्त्री की हँसी पर भी वह अवधारणा पूरी तरह लागू है — अनामिका म…