मृदुला गर्ग के उपन्यास चित्तकोबरा का 'इडिशंस बैन्यन' से फ्रेंच संस्करण CHITTAKOBRA, Le cobra de l'esprit (चित्तकोबरा, कोबारा दे ले'इ…
अपना देश, अपना मुल्क कितनी बड़ी नियामत है यह! पर हम अभागे बिना देश के हैं। कौन समझेगा इस पीड़ा को? कौन समझेगा घर का बिस्तर, घर की गलियां छोड़ने का द…
रेणु हुसैन की कविताएं इधर बहुत निखरी हैं। पढ़ने में वह आनंद मिल रहा है जो हिन्दुस्तानी कविता की भाषा में होना चाहिए। और, विचारों के धरातल की फलक ख़…
हिन्दी जगत के प्रिय, वरिष्ठ कवि व पत्रकार कुलदीप कुमार की सात कविताएं माँ पर। इनमें से में पहली दो कविताएं प्रो. नामवर सिंह द्वारा 1976 में 'आलो…
चिन्मयी त्रिपाठी की कविताएं हमारे आसपास के संसार को खुर्दबीन से देखती हैं, और साधारण आँखों से नहीं दीखने वाली बारीकियों को पकड़ कर जब हमारे सामने ला…
गुलज़ार साहब को कैसे भी पढ़िए, उनके शब्दों की चमक सबसे जुदा, चमकदार और सटीक होती है। उनके गद्य में भी नज़मों की रवानगी होती है। शब्दांकन पर आप पहले भी …
Rashmi Sharma is getting Shailpriya Smriti Samman today