ओ.पी. नैय्यर अपनी किंग साइज़ ईगो के ग़ुलाम थे... तेजेन्द्र शर्मा ~ शिखा वार्ष्णेय “ ओ.पी. नैय्यर यदि स्वाभिमानी होते तो दूसरों के स्वा…
मेरे हमदम, मेरे दोस्त - अल्पना मिश्र आज फिर सुबोधिनी को लगा कि उसके पीछे पीछे कोई ऐसे चल रहा है, जैसे पीछा कर रहा हो। वह और तेज चलने लगी।…
युवा / Movie Review: Uvaa ~ दिव्यचक्षु फिल्म समीक्षा - युवा फिल्म की कहानी में संभावनाएं हैं लेकिन निर्देशकीय कल्पनाशीलता बेहद क…
हंसी का भैसा लोटन / Movie Review: Miss Tanakpur Haazir Ho ~ दिव्यचक्षु फिल्म समीक्षा - मिस टनकपुर हाजिर हो फिल्म का हास्य थोडा भदेस…
27, 28, 29, 30 जून ~ वाणी प्रकाशन, हिंदी के श्रेष्ठ कथाकारो की तीन पुस्तकें आकर्षक ऑफर के रूप में पाठकों को मात्र ₹250* + डाक व्यय (अतिरिक्त…
शिक्षामंत्री ही जहाँ अनैतिक फरजीवाड़े में मुब्तिला हो, वहाँ शिक्षा का हश्र क्या होगा? - ओम थानवी स्मृति ईरानी के फरजीवाड़े की बात निक…
इंदिरा दाँगी ने वर्तमान हिंदी कथाजगत से उस युवा कहानीकार की कमी पूरी की है जिसका लेखन न सिर्फ़ रोचक है बल्कि विषयों को अपने ख़ास-तरीके से पेश भी करता ह…
दिल उन्हें 'पन्ना देवी' कह रहा है - भरत तिवारी प्र भात रंजन के लघु प्रेम की बड़ी कहानियां 'कोठागोई' का किस्सा ' गुमन…
अमेरिकन पेट्रोमैक्स – नबारुण भट्टाचार्या कोने से दिख रहा है, फ़्लाईओवर के उपर से तरह-तरह के मॉडल और साईज़ की गाड़ियाँ जा रही हैं, जि…
'वर्तमान साहित्य' अप्रैल, 2015 साहित्य, कला और सोच की पत्रिका सदस्यता प्रपत्र डाउनलोड करें वर्ष 32 अंक 4 अप्रैल, 2015 …
मुझे इस उपन्यास के शिल्प ने मुख्य रूप से आकर्षित किया शिल्प का बहुत सधा हुआ इस्तेमाल किया है दूरदर्शन के कार्यक्रम सुबह सवेरे में प्रो०…
कितने वादे थे ? सरकार... : विभूति नारायण राय एक दृश्य याद कीजिये — साल भर पहले एक आदमी कश्मीर से कन्याकुमारी और अटक से कटक तक अपने भाषण को स…
ग़ज़लें ~ प्रताप सोमवंशी प्रताप सोमवंशी को कुछ रोज़ पहले एक मुशायरे में सुना, उनकी ग़ज़लों के एक-एक शेर पर वाह निकलती रही, आप ख़ुद देखें... …