head advt

कोठागोई - दिल उन्हें 'पन्ना देवी' कह रहा है | #Kothagoi - Prabhat Ranjan


दिल उन्हें 'पन्ना देवी' कह रहा है

- भरत तिवारी

वाणी प्रकाशन से प्रसिद्द लेखक प्रभात रंजन की नवीन कृति लघु प्रेम की बड़ी कहानियाँ कोठागोई

प्रभात रंजन के लघु प्रेम की बड़ी कहानियां 'कोठागोई' का किस्सा ' गुमनाम कवि बदनाम गायिका' पढ़ा... कुछ शब्द ज़ेहन से बाहर आ रहे हैं उन्हें जस का तस लिख रहा हूँ ...

प्रिय प्रभात,

पन्ना को पन्ना बाई नहीं कहुंगा - क्योंकि दिल उन्हें 'पन्ना देवी' कह रहा है.

ख़ुशी इस बात की है कि पढ़ते समय आपकी लेखन-शक्ति ने 'भावुक' भी किया...

भ्रमर अमर रहें !

और एक बात - आपने अपनी ही बात "सबकी परम्परा नहीं होती, नहीं बनती" को अपनी ही कलम से ध्वस्त किया, गलत सिद्ध किया - ब धा ई - पन्ना देवी की परम्परा को आपने आगे बढ़ाया.

‘तुम चाह करो, हम चाह करें
क्यों रार करें क्यों आह भरें
जब इश्क है बेचैनी का सबब 
क्यों मिल जाएँ आराम धरें 
तुम मिल जाओ तुम खो जाओ 
क्यों सोचें जी हलकान करें
ऐ राजाजी तुम राज करो 
हम परबत दरिया धाम करें

.....जगत ‘भ्रमर’ 





तुम्हारा

भरत तिवारी

००००००००००००००००

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

गलत
आपकी सदस्यता सफल हो गई है.

शब्दांकन को अपनी ईमेल / व्हाट्सऐप पर पढ़ने के लिए जुड़ें 

The WHATSAPP field must contain between 6 and 19 digits and include the country code without using +/0 (e.g. 1xxxxxxxxxx for the United States)
?