Che ke Ghar Me Om Thanvi हवाना में बारिश थी। हम अर्नेस्तो ‘चे’ गेवारा के घर की देहरी पर खड़े थे। हमारे तीन साथी भीगने के भय से…
आगे पढ़ें »प्रधानमंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू 1 जुलाई, 1959 को अपने तीन मूर्ति आवासीय कार्यालय में चे ग्वेरा का स्वागत करते हुए। फोटो: कुंदन लाल फोटो प्र…
आगे पढ़ें »सरकार के दर्ज़नों फ़ैसले (बलात्कार आरोपी को मंत्री बनाने से लेकर टीवी चैनल पर प्रतिबंध तक) सवाल उठाने पर ही पलटे गए, सुधारे गए — ओम थानवी …
आगे पढ़ें »अगर अपना लोकतंत्र बचा के रखना हो ― ओम थानवी एक रोज़ पहले ही रामनाथ गोयनका एवार्ड देते हुए प्रधानमंत्री मोद…
आगे पढ़ें »यह लेख किसी मोदी-विरोधी ने नहीं लिखा है — ओम थानवी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की धारा के पत्रकार माने जाने वाले हरिशंकर व्यास ने…
आगे पढ़ें »हमारे देशभक्त चीनी माल, चीन की भारत से कमाई और चीन के पाकिस्तान संरक्षण का चौतरफ़ा विरोध कर रहे हैं, सत्ताधारी भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव ने भी चीन…
आगे पढ़ें »यह कैसी पत्रकारिता है? सत्ताधारी विचारधारा से कैसा गठजोड़ है? खुला खेल फ़र्रुख़ाबादी! इतना अपमान जो मुझ दर्शक से न बरदाश्त हुआ, वे क्यों …
आगे पढ़ें »क्या हम यह संदेश नहीं दे रहे कि कश्मीर और बलूचिस्तान एक ही तराज़ू के पलड़े हैं - जो कि वे नहीं हैं — ओम थानवी Cartoon courtesy: Radhakris…
आगे पढ़ें »रूसी हमारे प्रधानमंत्री के सम्मान में राष्ट्रगान पेश कर रहे थे, मोदी जन-गण-मन की धुन ही नहीं पहचान पाए और आगे चल पड़े। उन्हें बांह पकड़ कर रोका गया…
आगे पढ़ें »शिक्षामंत्री ही जहाँ अनैतिक फरजीवाड़े में मुब्तिला हो, वहाँ शिक्षा का हश्र क्या होगा? - ओम थानवी स्मृति ईरानी के फरजीवाड़े की बात निक…
आगे पढ़ें »के.के.बिरला फाउंडेशन का चौबीसवां 'बिहारी पुरस्कार' प्रसिद्ध लेखक एवं पत्रकार श्री ओम थानवी को के.के.बिरला फाउंडेशन के निदेशक …
आगे पढ़ें »दैनिक समाचार पत्रों की मुख्यधारा की पत्रकारिता में साहित्य और संस्कृति पर विमर्श और बहस की परंपरा को …
आगे पढ़ें »अगर वे ( मोदी ) 2002 के कत्लेआम में अपने शासन की विफलता के लिए ही माफी मांग लें तो ‘मोदी-मोदी’ का जयघोष करता वर्ग उनसे फौरन छिटक जाएगा - ओम थानवी…
आगे पढ़ें »राजेन्द्र यादव और ओम थानवी Rajendra Yadav and Om Thanvi
आगे पढ़ें »आज के समय में सच के लिए लड़ने वाले और निर्भयता से झूठों के चेहरों का पर लगी नक़ाब उतारने इन्सान विरल हैं. राजनीति, पैसा, झूठी शान आदि समाज पर इतन…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
Social Plugin