खूबसूरत गद्य पाठक की कमज़ोरी होता है। यदाकदा उसकी यह तलाश गीताश्री भी अपने बेहतरीन लेखन से पूरी करती रहती हैं। शब्दांकन की इस नई सीरीज़ ' गीताश्री…
आगे पढ़ें »जो आनंद पुरानी, अनदेखी, बेहतरीन फ़िल्म को देखने में आता है, वैसा ही धीरेन्द्र जी की 1974 में प्रकाशित पहली कहानी 'लोग/हाशिए पर' को पढ़ते हुए आ…
आगे पढ़ें »मुझे हमेशा लगता रहा है कि हम जितना दूसरों के अनुभवों को समझकर जानकार बनते हैं, उतनी आसानी से और किसी तरह नहीं। खुश हूँ कि गीताश्री ने अपनी यादों को …
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Vandana Rag
हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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