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लोकतंत्र के नाम पर लोकतंत्र का सैद्धांतिक संहार - कृष्णा सोबती |  Carnage of democracy in the name of democracy - Krishna Sobti
मैं सेफ सीट का खेल नहीं खेल रहा - अरविंद केजरीवाल (रपट: सिद्धांत मोहन तिवारी) I am not playing game of safe seat - Arvind Kejriwal
‘मैं जानती हूं, वे (मोदी) एक दिन प्रधानमंत्री बनेंगे’ - लक्ष्मी अजय | Lakshmi Ajay - I know he (Modi) will become PM
स्त्री विमर्श और आत्मालोचन - मैत्रेयी पुष्पा
अशोक वाजपेयी - कभी-कभार : कहां जा रहा है?
प्रेमचंद की परंपरा का संकुचन करते वरवरा राव  - जनसत्ता
साहित्य में फिर सीआइए - ओम थानवी
प्रतिवाद का जवाब - आशुतोष कुमार/ ओम थानवी
हरा समंदर नीला अंबर - सुमन केशरी
ओम थानवी और नरेश सक्सेना को 'शमशेर सम्मान 2012'- 12 मई को
अक्ल बड़ी या भैंस - ओम थानवी