और एक दोपहर उन्होंने त्याग पत्र दे दिया क्योंकि उनके रहते वह संभव ही नहीं था जो परिषद् की मंशा थी... प्रभाकर श्रोत्रिय की यादें — मधु क…
Prabhakar Shrotriya is no more — Bharat Tiwari हिंदी साहित्य से प्रभाकर क्षोत्रिय का चले जाना कितनी बड़ी क्षति है इस बात का कुछ अंदाज़ा इस …
कैलाश वाजपेयी - विकल वेदना का कवि प्रभाकर श्रोत्रिय ‘मैं अलक्षित हूं यही कवि कह गया है’- निराला ऐसा क्यों होता है कि हर विलक्…