वह एक एरिया है, जहां से यह अहसास लिया जा सकता है कि गेट पार वाले इलाके में महिलाएं होती हैं। विपश्यना — सत्येंद्र प्रताप सिंह — संस्मरण:…
आगे पढ़ें »यदि आप शांति की खोज में रहने वालों में से एक है और आप इस श्रृंखला को नहीं पढ़ रहे हैं, तो मेरी सलाह मानिये, और ज़रूर पढ़िए. चिंतन मनन से यह …
आगे पढ़ें »photo: dnaindia.com तीसरा छोटी घंटी होती है, जिसका इस्तेमाल साधकों को हांकने के लिए धम्म सेवक लोग करते थे... सम्यक दर्शन वह है, जो सच्…
आगे पढ़ें »विपश्यना — सत्येंद्र प्रताप सिंह — संस्मरण: पार्ट 4 तपस्या बहुत कठिन लगने लगी थी। रात को 9 बजे से लेकर सुबह 4 बजे तक सोने के वक्त को छोड़क…
आगे पढ़ें »विपश्यना — सत्येंद्र प्रताप सिंह — संस्मरण: पार्ट 3 सुबह सबेरे उठना भी एक कठिन टास्क होता है। खासकर ऐसी स्थिति में जब आपको 3 बजे रात को सो…
आगे पढ़ें »विपश्यना — सत्येंद्र प्रताप सिंह — संस्मरण: पार्ट 2 आप भी गजब ही ढा रहे हैं। क्या झमाझम माहौल है। नयनाभिराम। आप हैं कि इनको फैक्टरी का मजद…
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Vandana Rag
हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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