गोल्डन जुबिली कहानी - रवीन्द्र कालिया: नौ साल छोटी पत्नी
प्रभावपूर्ण साहित्य लोक भाषा के निकट होगा - स्वप्निल श्रीवास्तव | Effective literature will be closer to lok-bhasha - Swapnil Srivastava
खुशियों की होम डिलिवरी (भाग - 4) : ममता कालिया
सिर्फ एक दिन - रवीन्द्र कालिया | Ravindra Kalia's First Hindi Story
ओम नाम आलोक | Namvar Singh, Om Puri & Aalok Shrivastav
'हैदर का प्रतिपक्ष' ! कहानी: बस... दो चम्मच औरत - मधु कांकरिया | Hindi Kahani By Madhu Kankaria

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