जंगरइत… कृष्ण बिहारी की 'हंस अप्रैल 2015' में प्रकाशित कहानी ‘जंगरइत’ में गाँव है, वो गाँव जो हर गाँव की तरह शहर बनना चाहते हुए क्या …
आगे पढ़ें »लेखक बनना खुशी की बात नहीं... प्रेम भारद्वाज ‘भूत’ हूं मैं ‘‘ये महलों, ये तख्तों, ये ताजों की दुनिया ये इंसां के दुश्मन समाजों की दु…
आगे पढ़ें »एक कहानी यह भी (आत्मकथ्य) ... मन्नू भंडारी जन्मी तो मध्य प्रदेश के भानपुरा गाँव में थी, लेकिन मेरी यादों का सिलसिला शुरू होता है अजमेर के ब्रह…
आगे पढ़ें »कहानी वो जो भी है, मुझे पसंद है - स्वाति तिवारी "कब आ रही हैं आप?" "परसों रात की फ्लाइट है... अच्छा मैं तुम्हें…
आगे पढ़ें »कैलाश वाजपेयी हिन्दी के उन विरल कवियों में है जो कविता को बुद्धि विलास के लिए नहीं रचते थे वरन जीने के लिए रचते है - गिरीश पंकज कैलाश वाजपे…
आगे पढ़ें »कैलाश वाजपेयी एक मनमौजी साहित्यकार थे कमल किशोर गोयनका कैलाश वाजपेयी मुझ से थोड़े ही बड़े थे, लेकिन कविता में निरंतर 50 वर्षो की उनकी सा…
आगे पढ़ें »साहित्यकार कैलाश वाजपेयी का निधन जाने-माने साहित्यकार कैलाश वाजपेयी का हृदयगति रुकने के कारण निधन हो गया है। उन्हें साहित्य अकादमी सहित कई…
आगे पढ़ें »जातिवाद: ब्राह्मणवाद की उपज ... अरुण माहेश्वरी अर्चना वर्मा जी ने अपनी फेसबुक की वाल पर ‘ब्राह्मणवाद’ शीर्षक से सात पोस्ट लगाई है। इसमें उ…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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