Media ki vartman sanskritik chetna सांस्कृतिक चेतना समाज के जीवन व्यापार का आईना होती है । इसके निर्माण का केंद्र बिन्दु वह मानवीयता है…
आगे पढ़ें »प्रेमा झा की कवितायेँ Poems of Prema Jha १. सीप और मोती पथिक, तुम जा रहे थे गठरी में मोतियाँ बांधकर तुम्हारे जाने के दरम्यान क…
आगे पढ़ें »संकट के मूल में अति महत्वाकांक्षा — अपूर्व जोशी मैंने एक निजी बातचीत के दौरान अरविंद केजरीवाल को सलाह दी थी कि ‘आप’ को केवल दिल्ली की स…
आगे पढ़ें »We the homeless / बेघर हम Sukrita Pual Kumar / गुलज़ार सुकृता की कविता जब गुलज़ार के दिल से तर्जुमा होगी तो कैसा समां होगा... …
आगे पढ़ें »ज़रूर कुछ मजबूरियां रही होंगी, वरना यूँहीं कोई बेवफा नहीं होता... — अभिसार हमारा कर्तव्य है सवाल पूछना, है न ? मगर इस पूरे संदीप कुमार …
आगे पढ़ें »इक्कीसवीं सदी और ट्रिपल तलाक़ — प्रितपाल कौर प्रितपाल कौर pritpalkaur@gmail.com +919811278721 देश में एक बार फिर मुसलमानों में प्रच…
आगे पढ़ें »एक ऐड-हॉक शिक्षक परमानेंट होने के लिए सालों दर साल अनेकों दरवाजे खटखटाता रहता है क्यूंकि "अब परमानेंट शिक्षक बनते नहीं, बल्कि बनाये जाते ह…
आगे पढ़ें »ज़रूरी होता है — ख़ुद को याद दिलाते रहना — कि लड़ाई आसान नहीं है, गगन गिल अपने आख्यान में पूछती हैं, "नारी की रूप-कामना ध्वंसकारी कब बनी?"…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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