दिल्ली में नींद उमा शंकर चौधरी यह दिल्ली जो कि एक विशाल शहर है उसमें यह भी जिन्दगी का एक रंग है। जहां हवा है, पानी है, मिट्टी है, भोजन है …
आगे पढ़ें »शेखर गुप्ता — दुनिया की 7वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश में जिसकी 1.3 अरब की आबादी में ज्यादातर गरीब हैं, यह शासन का समुद्री डकैती जैसा तरी…
आगे पढ़ें »तर्ज बदलिए Poem by Krishna Sobti गुमशुदा घोड़े पर सवार हमारी सरकार नागरिकों को तानाशाही से लामबंदी क्यूँ करती है और फिर दौलतमं…
आगे पढ़ें »#नोटबंदी देशबंदी – अभिसार शर्मा वादा था अच्छे दिनों का, मगर अब एक मुर्दनी सी है । कल एक मोदी समर्थक कहते हैं कि अरे अब तो सब बराबर…
आगे पढ़ें »और एक दोपहर उन्होंने त्याग पत्र दे दिया क्योंकि उनके रहते वह संभव ही नहीं था जो परिषद् की मंशा थी... प्रभाकर श्रोत्रिय की यादें — मधु क…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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