हत्या से आत्महत्या तक — विमल कुमार का नया कविता संग्रह सोलह मई केवल एक तारीखभर नहीं है देश के इतिहास में बल्कि वह एक ऐसी लकीर है जो भारत…
आगे पढ़ें »Hindi Literary Criticism Vs New Generation — Anant Vijay आलोचना से बचती युवा पीढ़ी — अनंत विजय अभी पिछले दिनों एक अनौपचारिक …
आगे पढ़ें »मं गलेश डबराल - कवितायेँ आसान शिकार मनुष्य की मेरी देह ताकत के लिए एक आसान शिकार है ताकत के सामने वह इतनी दुर्बल है और लाचा…
आगे पढ़ें »द ग्रेट अमेरिकन सर्कस संजय सहाय 'हंस' संपादकीय मई, 2016 जनधारणा के विपरीत अमेरिकी चुनावों में जनता अपने राष्ट्रपति को स…
आगे पढ़ें »कौन तय करे कि हम क्या पढ़ें? Apoorvanand on Delhi University's ban on books आश्चर्य नहीं है कि बहुत वक्त नहीं हुआ, पढ़ना इतन…
आगे पढ़ें »'प्रेम कसैला था' व अन्य कवितायेँ — श्री श्री Shri Shri's Hindi poems powerfully express intricate emotions of love. Beautif…
आगे पढ़ें »भारत का दुर्भाग्य यह है कि आज़ादी के बाद भी अभिजात-सत्ताधारी 'बाँटों और राज करो' की नीति को चला रहे हैं — अमीश त्रिप…
आगे पढ़ें »खामोश, विज्ञापन जारी है.... अशोक गुप्ता मानवीय संवेदना और अस्मिता के सामने यह एक बर्बर और विरोधी समय है, और इसकी लगाम पूरी …
आगे पढ़ें »आत्मविश्वास एक ऐसा औज़ार बन सकता है जिससे इंसान अपनी ज़िंदगी को दुरुस्त कर सकता है, वीणा शर्मा ने जनसत्ता में करीब एक वर्ष पहले प्रकाशित अप…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
Social Plugin