समीक्षा बनारसी राग दरबारी में आत्मगाथा - आकांक्षा पारे जो बातें दिल से निकलती हैं वे अक्सर मां के लिए ही होती हैं। यह उपन्यास भी ऐसा ही …
आगे पढ़ें »'लमही' को प्रतिष्ठित "सरस्वती पुरुस्कार" उ.प्र. हिन्दी संस्थान के वर्ष 2013 के सम्मान, 'शब्दांकन' के पाठकों के…
आगे पढ़ें »कहानी उत्तराधिकारी / Uttradhikari - स्वाति तिवारी / Swati Tiwari ''मरने के बाद कितना निर्विकार लगता है चेहरा?'' &…
आगे पढ़ें »स्वाति तिवारी Swati Tiwari बहीखाता (शब्दांकन उपस्तिथि) कहानी: 'वो जो भी है, मुझे पसंद है' कहानी: उत्तराधिकारी ‘सवाल आज …
आगे पढ़ें »'शब्दांकन' के पाठको के लिए एक शुभ समाचार. 'शब्दांकन' में ममता कालियाजी की कहानी '' खुशियों की होम डिलिवरी '' का धारा…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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