
गालियाँ भक्तों की
भक्ति जब पूरी तरह कलयुगी हो जाती है तब मन्त्रों में माँ-बहन-बेटी की गालियों के आने पर आश्चर्य की कोई बात नहीं होती. और यह अभी भक्ति-कलियुग का शैशवकाल है आगे शायद इन गालियों का प्रयोग भक्त द्वारा अपने ईश, माता, पिता, भाई, बहन इत्यादि के लिए शुरू होगा. संज्ञान रहे कि सेंसर बोर्ड इनदिनों चर्चा में हैयह सब इसलिए कहा क्योंकि श्री तथागत (https://www.facebook.com/rani.salganvkar) ने अपनी फेसबुक वाल पर जो लिखा है वह यह है
#सनसनी
गौर से देखिये इस शातिर चेहरे को ....
ये किसी मुन्नीबाई के कोठे का तबलची नहीं ( लगता तो वही है ) , ये वही अशोक बाजपेई है जो दादरी नौटंकी में अवार्ड वापसी गैंग का सरगना था । कैराना जैसे मामले में ये किसी बिल में छुपा है । किसी के यहाँ खा पीकर धुत पड़ा होगा ।
(https://www.facebook.com/photo.php?fbid=189177701483353&set=a.118036401930817.1073741828.100011733729456&type=3)
गौर से देखिये इस शातिर चेहरे को ....
ये किसी मुन्नीबाई के कोठे का तबलची नहीं ( लगता तो वही है ) , ये वही अशोक बाजपेई है जो दादरी नौटंकी में अवार्ड वापसी गैंग का सरगना था । कैराना जैसे मामले में ये किसी बिल में छुपा है । किसी के यहाँ खा पीकर धुत पड़ा होगा ।
(https://www.facebook.com/photo.php?fbid=189177701483353&set=a.118036401930817.1073741828.100011733729456&type=3)
००००००००००००००००
0 टिप्पणियाँ