मेरी जब पत्रकारों से मुलाकात होती है वो मुझसे कहते हैं ‘हमें लिखने ही नहीं दिया जा रहा है जो लिखना चाहते हैं’ |
‘सच की ताकत’ के ऊपर ‘ताकत के सच’ ने कब्जा किया है
— राहुल गाँधी
नेशनल हेराल्ड को पत्रकारों के लिए अपने दरवाजे खोलने चाहिए। देशभर से ऐसे पत्रकारों को अपने साथ जोड़िए। सक्षम और ईमानदार पत्रकार को ढूंढने के लिए आज से बेहतर समय कभी नहीं हुआ।
राहुल गाँधी ने हाल ही में बेंगलुरु में, भारत की आजादी के 70 साल के अवसर पर ‘नेशनल हेराल्ड के विशेषांक निकाले जाने के अवसर पर एक भाषण दिया है... राहुल ने इसमें जो बातें कही है उन्हें हम पाठकों / जनता को दलगत राजनीति से ऊपर उठ के समझने की कोशिश करनी चाहिए... यही कोशिश मैंने की और इस लिए ही —भाषण का अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद — कि आप भी पढ़ें :
भरत तिवारी
अभी परसों मैं स्वर्ण मंदिर गया था और वहां मैंने सिख धर्म के एक प्रभावशाली सिद्धांत के बारे सीखा। मीरी-पीरी का सिद्धांत। पीरी यानि 'सच की ताकत' और मीरी 'ताकत का सच'। कांग्रेस के एक साथी कार्यकर्ता ने मुझे इस सिद्धांत के बारे में बताया कि किस तरह सिख धर्म में दो तलवारें मीरी-पीरी को दर्शाती हैं कि जहाँ ये दोनों एक दूसरे को छू रही है वो — न्याय है।
हमारे भारत में आज इन दो ताकतों के बीच गहरा असंतुलन है। ‘सच की शक्ति’ के ऊपर ‘शक्ति के सच’ ने पूरी तरह से कब्जा किया हुआ है और कोई भी जो सच बोलना चाहता है, सच के साथ खड़ा होना चाहता है, उसे परे ढकेल दिया जा रहा है। यह कई तरह से हो रहा है — दलितों को पीटा जा रहा है, अल्पसंख्यकों को डराया जा रहा है, पत्रकारों को डराया जा रहा है, ब्यूरोक्रेट्स को डराया जा रहा है!
मध्य प्रदेश का ही उदाहरण देखिये, मुझे वहां जाने से रोका गया, पुलिस वाले ने खुद कहा उसे ऐसा करने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जो वह नहीं करना चाहता। उससे पूछा ‘मैं भारत का नागरिक हूं और मैं मध्यप्रदेश में आ सकता हूं, आप किस आधार पर रोक रहे हैं? क्या कोई ऐसा कानून है?’ उसने मेरी ओर देखा और कहा ‘नहीं ऐसा कोई कानून नहीं है’। तो क्यों रोक रहे हो — उसने कहा क्योंकि मुझसे कहा गया है । हम-सबके भारत में यही हो रहा है! कुछ दिन पहले जब उत्तर प्रदेश जाना चाह रहा था, वहां के लोगों से मिलने के लिए, उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर रोक दिया गया और कहा गया कि ‘आप उत्तर प्रदेश में नहीं जा सकते!’
यह भारत है जिसमें हम रह रहे हैं ? भारत, जहाँ ताकत के बल पर सच की पैदावार हो रही है? सच क्या है यह सबको पता है, लेकिन लोग कहने से डर रहे हैं। रूस के एक कवि ने कहा है ‘जब सचाई की जगह एक मौन होता है, तो वह मौन झूठ होता है’। और यही है जो यह सरकार करना चाह रही है — वह सबको चुप करा देना चाह रही है।
यह नेशनल हेराल्ड के लिए एक बड़ा अवसर है, देश के हजारों-हजार पत्रकारों को आज वह नहीं लिखने दिया जा रहा है जो वे लिखना चाहते हैं। मेरी जब पत्रकारों से मुलाकात होती है वो मुझसे कहते हैं ‘हमें लिखने ही नहीं दिया जा रहा है जो लिखना चाहते हैं’। नेशनल हेराल्ड को पत्रकारों के लिए अपने दरवाजे खोलने चाहिए। देशभर से ऐसे पत्रकारों को अपने साथ जोड़िए। सक्षम और ईमानदार पत्रकार को ढूंढने के लिए आज से बेहतर समय कभी नहीं हुआ।
मैं नेशनल हेराल्ड के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं और गुजारिश करता हूं — सच बोलिएगा और सच बोलने से डरियेगा नहीं।
भरत तिवारी
भारत, जहाँ ताकत के बल पर सच की पैदावार हो रही है?
अभी परसों मैं स्वर्ण मंदिर गया था और वहां मैंने सिख धर्म के एक प्रभावशाली सिद्धांत के बारे सीखा। मीरी-पीरी का सिद्धांत। पीरी यानि 'सच की ताकत' और मीरी 'ताकत का सच'। कांग्रेस के एक साथी कार्यकर्ता ने मुझे इस सिद्धांत के बारे में बताया कि किस तरह सिख धर्म में दो तलवारें मीरी-पीरी को दर्शाती हैं कि जहाँ ये दोनों एक दूसरे को छू रही है वो — न्याय है।
दलितों को पीटा जा रहा है, अल्पसंख्यकों को डराया जा रहा है, पत्रकारों को डराया जा रहा है, ब्यूरोक्रेट्स को डराया जा रहा है!
हमारे भारत में आज इन दो ताकतों के बीच गहरा असंतुलन है। ‘सच की शक्ति’ के ऊपर ‘शक्ति के सच’ ने पूरी तरह से कब्जा किया हुआ है और कोई भी जो सच बोलना चाहता है, सच के साथ खड़ा होना चाहता है, उसे परे ढकेल दिया जा रहा है। यह कई तरह से हो रहा है — दलितों को पीटा जा रहा है, अल्पसंख्यकों को डराया जा रहा है, पत्रकारों को डराया जा रहा है, ब्यूरोक्रेट्स को डराया जा रहा है!
पुलिस वाले ने खुद कहा उसे ऐसा करने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जो वह नहीं करना चाहता।
मध्य प्रदेश का ही उदाहरण देखिये, मुझे वहां जाने से रोका गया, पुलिस वाले ने खुद कहा उसे ऐसा करने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जो वह नहीं करना चाहता। उससे पूछा ‘मैं भारत का नागरिक हूं और मैं मध्यप्रदेश में आ सकता हूं, आप किस आधार पर रोक रहे हैं? क्या कोई ऐसा कानून है?’ उसने मेरी ओर देखा और कहा ‘नहीं ऐसा कोई कानून नहीं है’। तो क्यों रोक रहे हो — उसने कहा क्योंकि मुझसे कहा गया है । हम-सबके भारत में यही हो रहा है! कुछ दिन पहले जब उत्तर प्रदेश जाना चाह रहा था, वहां के लोगों से मिलने के लिए, उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर रोक दिया गया और कहा गया कि ‘आप उत्तर प्रदेश में नहीं जा सकते!’
यह भारत है जिसमें हम रह रहे हैं ? भारत, जहाँ ताकत के बल पर सच की पैदावार हो रही है? सच क्या है यह सबको पता है, लेकिन लोग कहने से डर रहे हैं। रूस के एक कवि ने कहा है ‘जब सचाई की जगह एक मौन होता है, तो वह मौन झूठ होता है’। और यही है जो यह सरकार करना चाह रही है — वह सबको चुप करा देना चाह रही है।
Hon’ble Vice President Md Hamid Ansari Ji, Hon’ble Governor Vajubhai Rudabhai Vala ji,Rahul Gandhi, Chief Minister Siddaramaiah PCC President Dr G Parmeshwar, Oscar Fernandes, Suman Dubey, Neelabh Mishra |
नेशनल हेराल्ड का जज्बा चुप नहीं होगा!
लेकिन नेशनल हेराल्ड का एक अपना जज्बा है... और यह जज्बा बहुत मजबूत है. नेशनल हेराल्ड का जज्बा चुप नहीं होगा! कुछ रोज़ पहले जब मैं संपादकजी से मिला तब मैंने उनसे कहा — हो सकता है कभी आप कांग्रेस के खिलाफ कुछ कहना चाहे, या मेरे खिलाफ, या हमारे कुछ विचारों के खिलाफ... मैं चाहता हूं कि आप बेखौफ रहे। मैं चाहता हूं कि आप सब कहें। क्योंकि यह जरूरी है कि हम उसे सुने। नेशनल हेराल्ड से हम इसी जज्बे की उम्मीद रखते हैं — सच बोलो ! चुप नहीं हो! डरो मत!यह नेशनल हेराल्ड के लिए एक बड़ा अवसर है, देश के हजारों-हजार पत्रकारों को आज वह नहीं लिखने दिया जा रहा है जो वे लिखना चाहते हैं। मेरी जब पत्रकारों से मुलाकात होती है वो मुझसे कहते हैं ‘हमें लिखने ही नहीं दिया जा रहा है जो लिखना चाहते हैं’। नेशनल हेराल्ड को पत्रकारों के लिए अपने दरवाजे खोलने चाहिए। देशभर से ऐसे पत्रकारों को अपने साथ जोड़िए। सक्षम और ईमानदार पत्रकार को ढूंढने के लिए आज से बेहतर समय कभी नहीं हुआ।
मैं नेशनल हेराल्ड के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं और गुजारिश करता हूं — सच बोलिएगा और सच बोलने से डरियेगा नहीं।
▲▲लाइक कीजिये अपडेट रहिये
अनुवाद सर्वाधिकार सुरक्षित
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