आतंक के खिलाफ | प्रेमा झा | ऐश ट्रे, जैश-ए-मोहम्मद और वैलेंटाइन डे

Aatank Ke Khilaaf, Prema Jha Ki Kavita : ashtray, jaish e mohammad aur valentine day प्रेमा झा की कविता, यह तस्वीर कवयित्री का आतंक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन है!

ऐश ट्रे, जैश-ए-मोहम्मद और वैलेंटाइन डे

प्रेमा झा की कविता


मैं एक संगठन बनाऊँगी
और तमाम ऐसी लड़कियां शामिल करुँगी जो जवान आतंकियों को इश्क़ की इबादत करना सिखाएंगी
ये लड़कियां आतंकियों को चुम्बन के गुर बताएंगी
और घंटों प्रेम-मयी बातों में
कैसे लपेट कर कोई रख लेता पूरी रात यह भी!
ये तुम्हे सिहरन के स्पर्श को बताएंगी
कि कैसे कोई प्रेमिका के उरोज को नींद में पाकर स्वप्न-आसमान बनाता है
और रहने लगता है उसमें
फिर तुम धरती की धूर्तता भूल जाओगे
तुम भूल जाओगे गोले-बारूद का अशुद्ध गणित
और प्रेम करोगे
भले ही निहायत गंदे तरीके से
इस संगठन की लड़कियाँ रेप से नहीं डरेंगी
और न ही कोई एफ़आईआर दर्ज़ करेंगी
बस! आतंकियों तुम नफ़रत करना, दहशत फैलाना और बच्चों के सिर से उनके बाप का साया मत छीनो, आज मुझे ज़ुबान दो!
        मैंने राख ऐश-ट्रे में रखा और ख़बर पढ़ने लगी
        बीस साल के आदिल ने कश्मीर में फियादीन हमला किया है
        जवानों के चीथड़े उड़ा दिए उसने पुलवामा में
        चैनल बदला तो पाया वैलेंटाइन डे के रंग में डूबा रहा शहर
        क्लबों में स्वीट सिक्सटीन की सॉंग पर
        अगले पल चैनल पर इस बात कि ख़बर आई,
        जैश-ए-मुहम्मद ने जिम्मेवारी ली है इस खूंखार खूनी खेल की
        मसूद अज़हर तुम होश में आओ?
        तुमने जितने सैनिकों का खून किया है
उससे चार-गुणा ज्यादा लड़कियाँ इस संगठन ‘हुस्ने-मल्लिका’ में शामिल कर रही हूँ
        मैं इन सब लड़कियों को सर्जिकल स्ट्राइक के लिए भेज रही हूँ
        वो तुम्हे वस्ल के राहत को बताएंगी
        और चीथड़े पड़े ज़िस्म के आगे
        जिस्मानी भूख की तड़प बढ़ाएंगी तुम्हारी

हाँ, ये मेनकाएं मेरी कूटनीति का हिस्सा है जिसे मैं युद्ध को मुहब्बत से जीतने के लिए भेज रही हूँ
ये मेनकायें आतंकियों को इश्क़ का गुनाह करना सीखाएंगी
और आतंक के आकाओं की बीवियों की सौत बनने का तमगा पाएगी
हिजबुल मुजाहिदीन, लश्करे-तयब्बा, जैश-ए-मोहम्मद
और हाँ, हुर्रियत लीडर्स
तुम भी सुन लो!
ये लड़कियाँ तुम्हारा घर तोड़ेंगी बड़ी नफ़ासत से
फिर देखना ये मेनकायें किसी भी आतंकी संगठन से ज्यादा खतरनाक हो जाएंगी
क्या तुम्हे मंज़ूर है
मेरे बदले का ये प्रस्ताव?
नहीं भी करोगे तो क्या है?
इश्क़ को मंज़ूरी की ख़बर नहीं चाहिए होती है
वो दहकता हुआ आता है और चटका देता है
मज़बूत से मज़बूत दीवार
तोड़ देता है ताला
फिर बन्दूक की नाल कोई असर नहीं करती
सीज़-फ़ायर, सीमाएं, घुसपैठिया,
गोले-बारूद, मार-काट, आरडीएक्स और हत्याएं
तुम्हारे आतंक का सब गणित गड़बड़ा जाएगा
देखना, तब तुम तबाही और धमाके छोड़कर
अवैध संबंध बनाने लगोगे
ये ज़ुर्म किसी की जान लेने से तो बेहतर ही होगा!
तुम्हारे जो नाज़ायज बच्चे होंगे
घबराओ नहीं
मैं उन्हें अपने देश में जगह दे दूँगी
और सबको कवितायेँ लिखना सिखाऊंगी
मेरी सिगरेट ने ऐश-ट्रे में समाधी ले ली है!

प्रेमा झा



(ये लेखक के अपने विचार हैं।)
००००००००००००००००




एक टिप्पणी भेजें

9 टिप्पणियाँ

  1. कविता बहूत मारक है। कवि अपनी तरह से अपना रोष प्रकट करता है।

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत शुक्रिया मुसव्विर जी

    जवाब देंहटाएं
  3. आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन अनियमित जमा योजनाओं पर प्रतिबंध लगाने का कदम और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है.... आपके सादर संज्ञान की प्रतीक्षा रहेगी..... आभार...

    जवाब देंहटाएं
  4. आपके कहने का क्या अर्थ है @राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगर जी
    आप किस बुलेटिन की बात कर रहे हैं?

    जवाब देंहटाएं
  5. ख़बर की लिंक मिल गई है|शुक्रिया, शब्दांकन और https://bulletinofblog.blogspot.com/2019/02/blog-post_23.html

    जवाब देंहटाएं
  6. प्रभावशाली कविता! कवयित्री के रचनाशीलता और ज़ज़्बे को सलाम| कविता अपने आप में विशिष्ट तरीके से आतंक के खिलाफ विरोध को दर्ज़ करती है|

    जवाब देंहटाएं

ये पढ़ी हैं आपने?

Hindi Story आय विल कॉल यू! — मोबाइल फोन, सेक्स और रूपा सिंह की हिंदी कहानी
कोरोना से पहले भी संक्रामक बीमारी से जूझी है ब्रिटिश दिल्ली —  नलिन चौहान
गिरिराज किशोर : स्मृतियां और अवदान — रवीन्द्र त्रिपाठी
चित्तकोबरा क्या है? पढ़िए मृदुला गर्ग के उपन्यास का अंश - कुछ क्षण अँधेरा और पल सकता है | Chitkobra Upanyas - Mridula Garg
ज़ेहाल-ए-मिस्कीं मकुन तग़ाफ़ुल Zehaal-e-miskeen makun taghaful زحالِ مسکیں مکن تغافل
मन्नू भंडारी: कहानी - एक कहानी यह भी (आत्मकथ्य)  Manu Bhandari - Hindi Kahani - Atmakathy
मन्नू भंडारी की कहानी — 'रानी माँ का चबूतरा' | Manu Bhandari Short Story in Hindi - 'Rani Maa ka Chabutra'
अखिलेश की कहानी 'अँधेरा' | Hindi Kahani 'Andhera' by Akhilesh
समीक्षा: अँधेरा : सांप्रदायिक दंगे का ब्लैकआउट - विनोद तिवारी | Review of writer Akhilesh's Hindi story by Vinod Tiwari
मैत्रेयी पुष्पा की कहानियाँ — 'पगला गई है भागवती!...'