Book Review: गाँधी की मृत्यु - गिरधर राठी / डॉ. मारगित कौवेश


गाँधी की मृत्यु

गिरधर राठी / डॉ. मारगित कौवेश


गाँधी की मृत्यु | एक पुस्तक पर 5 मिनट
महात्मा गाँधी की मृत्यु पर लिखे गये हंगेरियन नाटक की सीधी हिन्दी में अनूदित पुस्तक पर आज, 28 मई शाम 6 बजे के #शब्दांकन_फेसबुक_लाइव के कार्यक्रम 'एक पुस्तक पर 5 मिनट' में आलोचक रवीन्द्र त्रिपाठी. प्रस्तुति भरत एस तिवारी.
Posted by शब्दांकन Shabdankan on Thursday, 28 May 2020
‘‘महात्मा गाँधी अपने समय में ही नहीं हमारे समय में भी एक प्रतिरोधक उपस्थिति हैं : उनका बीसवीं शताब्दी के विचार, राजनीति और सामाजिक कर्म पर गहरा प्रभाव पड़ा। इन दिनों उनका बहुत बारीक पर अचूक अवमूल्यन करने का एक अभियान ही चला हुआ है। इस सन्दर्भ में उनकी मृत्यु पर लिखा गया यह हंगेरियन नाटक, जो सीधे हिन्दी में अनूदित किये जाने का एक बिरला उदाहरण भी है, प्रस्तुत करते हुए हमें उम्मीद है कि गाँधी-विचार और कर्म को ताज़ी नज़र से देखने के प्रयत्न में सहायक होगा।’’  — अशोक वाजपेयी


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