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सत्ताएं सिर्फ केंचुल बदलती हैं, जहर भरपूर रहता हैं - प्रेम भारद्वाज | We are all Haider - Prem Bhardwaj
सारा खेल छवि का है - प्रेम भारद्वाज | The Whole Game is of Image - Prem Bhardwaj
देश के अधिकतर लेखकों ने दिल्ली के बारे में बहुत अच्छा नहीं लिखा है - प्रेम भारद्वाज most of the writers of this country have not written good about Delhi - Prem Bhardwaj
तमंचे पर डिस्को - प्रेम भारद्वाज | Prem Bhardwaj
समय के सीने पर नैतिकता -प्रेम भारद्वाज
एक हत्यारे का हलफ़नामा - प्रेम भारद्वाज
मदारी का मायाजाल - प्रेम भारद्वाज

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तू तौ वहां रह्यौ ऐ, कहानी सुनाय सकै जामिआ की — अशोक चक्रधर | #जामिया
कहानी ... प्लीज मम्मी, किल मी ! - प्रेम भारद्वाज
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चित्तकोबरा क्या है? पढ़िए मृदुला गर्ग के उपन्यास का अंश - कुछ क्षण अँधेरा और पल सकता है | Chitkobra Upanyas - Mridula Garg