...और होली ईद आपस में अभिन्न सहेलियाँ हैं। — नीरज की कविताएँ पाकिस्तान के नाम —गोपालदास नीरज जा चुका पतझार, ऋतुपति आ गया दि…
हिरण्यकश्यप और प्रह्लाद दो नहीं हैं — ओशो प्रह्लाद कभी हुए, न हुए, प्रह्लाद जानें। लेकिन इतना मुझे पता है, कि पुराण में जिस तरफ इशारा है, …
अट नहीं रही है अट नहीं रही है आभा फागुन की तन सट नहीं रही है। कहीं साँस लेते हो, घर-घर भर देते हो, उड़ने को न…