अपने पेशे के अवमूल्यन से शिक्षक आहत और क्रुद्ध — अपूर्वानंद अपना कार्यभार बढ़ाने के खिलाफ शिक्षक आन्दोलन कर रहे हैं । बहुत दिनों के बाद…
आगे पढ़ें »कौन तय करे कि हम क्या पढ़ें? Apoorvanand on Delhi University's ban on books आश्चर्य नहीं है कि बहुत वक्त नहीं हुआ, पढ़ना इतन…
आगे पढ़ें »उमर मेरा बेटा है वह कितना दुर्भाग्यशाली राष्ट्र होगा जिसके पास युवाओं के रूप में बस आज्ञाकारी, अनुयायी दिमाग भर होंगे Hindi translatio…
आगे पढ़ें »डिजाईन और शिक्षा - अपूर्वानंद दिल्ली विश्वविद्यालय के नए कार्यक्रम के साथ गड़बड़ यह हुई कि उसने बाज़ार की फौरी ज़रूरत को पूरा करने वाले कर्मी तैयार …
आगे पढ़ें »कैमरा बार-बार जा कर उसी क्षण पर टिकता था. मेरी बेटी ने विचलित होकर कहा, “चैनल बदल दो, अच्छा नहीं लग रहा.” लेकिन चैनल उस थप्पड़ की आवाज़ …
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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