जावेद अख़्तर और मैं ~ असग़र वजाहत की यादें कुछ साल पहले की बात है जावेद अख़्तर और मैं पटना एयरपोर्ट पर बैठे फ्लाईट का इंतज़ार कर रहे थे। हम प…
आगे पढ़ें »फिल्म समीक्षा इस फिल्म का लुत्फ लेना है तो कहानी पर ज्यादा ध्यान मत दीजिए ऋतिक ही रोशन रोशन दिव्यचक्षु बैंग बैंग निर्देशक-सिद्धार्थ…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
Social Plugin