फिल्म समीक्षा
इस फिल्म का लुत्फ लेना है तो कहानी पर ज्यादा ध्यान मत दीजिए
ऋतिक ही रोशन रोशन
दिव्यचक्षु

बैंग बैंग 



निर्देशक-सिद्धार्थ आनंद
कलाकार-ऋतिक रोशन, कैटरीना कैफ, डैनी डेंग्जोन्पा, दीप्ति नवल, जावेद जाफरी
वैसे तो ऋतिक रोशन की किसी फिल्म पर बात की शुरुआत सलमान खान से हो तो ये कइयों को अजीब लग सकता है। लेकिन `बैंग बैंग’ पर चर्चा करने के क्रम में शुरू में ही ये कहना होगा सलमान खान ने हिंदी फिल्मों की दुनिया में जो नई परिपाटी शुरू की है उसी की अगली कड़ी ये फिल्म है। जैसे सलमान की कई हालिया फिल्मों में कहानी नाममात्र की होती है और सिर्फ सितारे (यानी सलमान की) अदाएं ही अहम बन जाती है वैसे ही `बैंग बैंग’ में भी ऋतिक ही ऋतिक हैं और फिर उनके साथ कैटरीना कैफ। चूंकि इन दोनों को 156 मिनट तक दिखाना है इसलिए कहानी का ढांचा भी ऱख दिया गया है। हां, इसमें कोई संदेह नहीं कि ऋतिक इसमें काफी स्मार्ट और आकर्षक लगें हैं और कैटरीना के साथ उनकी जोड़ी भी जमकर फबती है। इसलिए इस फिल्म का लुत्फ लेना है तो कहानी पर ज्यादा ध्यान मत दीजिए और ये देखिए कि ऋतिक और कैटरीना को किस तरह पेश किया गया है।
ऋतिक ने इसमें राजवीर (जय) नंदा का किरदार निभाया है। राजवीर एक आतंकवादी ओमर जफर (डैनी) के लिए कोहिनूर हीरा चुरा लेता है। जी हां, कोहिनूर। कैसे चुराया ये मत पूछिए, वरना सारा मजा किरकिरा हो जाएगा। हां, तो अब उस कोहिनूर को पाने के लिए ओमर के आदमी भी पड़े हैं और भारतीय सीक्रेट सर्विस वाले भी। यहां आप कृपया ये न पूछिएगा कि आखिर कोहनूर तो ब्रितानी हूकूमत के पास है तो वहां की सीक्रेट सर्विस कोहिनूर चुरानेवाले को क्यों नहीं पकड़ने का प्रयास करते? अगर आपके दिमाग में फिल्म देखने के दौरान ये सवाल आता है ये समझ लीजिए कि आपको को न तो ऋतिक का स्मार्टनेस अच्छा लगेगा और न कैटराना जैसी हसीना की खबसूरती। अगर ये दोनों ही अच्छे नहीं लगे तो फिल्म में काहे का मजा। सो अपने सवालों को भूलिए और मजे मैं शिमला से लेकर प्राग जैसी जगहों के दृश्यों का आनंद लीजिए। और ये आपको अच्छा भी लगेगा और वक्त भी कटेगा क्योंकि यहां सिनेमेटोग्राफी से लेकर प्रकृति का सौंदर्य़ लाजबाब है।। कई जगहों पर तो लगता है कि आप किसी लैंडस्केप पेंटर की कलाकृतियां देख रहे हैं और तय मानिए की आप उन पर मुग्ध हुए बिना नहीं रह सकते। फिल्म हंसी-मजाक से भी भरपूर है और ऋतिक के कुछ संवाद भी दिलचस्प हैं। ऋतिक के एक्शन सीन भी धांसू हैं। कुछ कुछ `धूम-2’ की तरह। लेकिन उससे काफी अलग भी। और हां ये भी तय है कि ऐसे एडवेंचर वाले दृश्य पहली बार बॉलीवुड की किसी फिल्म में आए हैं। इस तरह `बैंग बैंग’ को हर उम्र् के लोगों के लिए बनाया गया है। उम्रदराज या बुजुर्ग स्त्रियों भी इसे देखें इसलिए कैटरीना का किरदार भी फिट किया गया है। ऐसी नानी जो बिल्कुल आधुनिक है।
ऋतिक का ब्रांड तो पहले से बन चुका है और विशेषज्ञों की मदद से उन्होने एक खास एक्शन स्टाइल विकसित किया है जिसमें हिंसा कम और जादू अधिक है। रोमांस करने की भी उनकी अपनी शैली है और कई जगहों पर कैटरीना के साथ उनका अंदाजे इश्क और अंदाजे गुफ्तगू सम्मोहित करनेवाले हैं। कैटरीना कैफ ने इसमें हरलीन नाम की ऐसी लड़की का चरित्र निभाया है जो बैक में रिसेप्सेनिस्ट हैं और जिसका कोई बॉयफ्रेंड नहीं है। एक दिन वो इंटरनेट के सहारे बॉयफ्रेंड खोजने निकलती है फिर उसकी जिंदगी में हिचकोले आने लगते हैं। डैनी ने फिल्म में खलनायक की भूमिका निभाई है लेकिन चेहरे-मोहरे से वे कार्टून फिल्मों के नायक लगते हैं। फिल्म में जिमी शेरगिल भी हैं। उनकी बहुत छोटी भूमिका है। वैसे `बैंग बैंग’ हॉलीवुड की फिल्म `नाइट एंड डे’ का बॉलीवुड संस्करण है।
पर एक बात को बहुत खटकती है। देहरादून को कई बार बर्फ से अटा दिखाया गया है। किसी ने सुना है कि देहरादून में इतनी बर्फबारी होती है कि कुल्हाड़ी से उसकी खुदाई करनी पड़े। भाई सिद्धार्थ आनंद, कुछ तो विश्सनीयता बनाए रखनी चाहिए थी।
दिव्यचक्षु
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