द्वारपाल हनुमान चालीसा : चौपाई 21 राम दुआरे तुम रखवारे । होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥ शिव के द्वारपाल नंदी का बदला, राम…
आगे पढ़ें »देवदत्त पटनायक की वर्तिका का बल पांडित्य बघारने पर केंद्रित नहीं — मृणाल पाण्डे गैर-राजनीतिक इरादे से देसी परंपरा को हिंदी में सम…
आगे पढ़ें »जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा : समीक्षा: मृदुला गर्ग : अमर उजाला देवदत्त पटनायक एक प्रासंगिक और उपयोगी काम कर रहे हैं एक सटीक अनुवादः …
आगे पढ़ें »ज्ञान गुणसागर की प्रार्थना रविवासरीय हिंदुस्तान से... ऐसे समय में जब आधुनिकता और पश्चिमीकरण की दौड़ में हम अपनी प्राचीन भक्ति और धर…
आगे पढ़ें »ऐसे समय में जहां धर्म, धार्मिकता और धार्मिक चेतना का इस्तेमाल हिंसा, घृणा और भेदभाव के लिए किया जा रहा हो तथा ऐसा कर राजनीति की जमीन सींची जा …
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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