असग़र वजाहत का नाटक 'ईश्वर-अल्लाह' | Asghar Wajahat's Play 'Ishwar-Allah' ईश्वर-अल्लाह (नाटक) असग़र वजाहत
हिंदी के कुछ प्रबुद्ध पाठक असग़र वजाहत को आज का मंटो मानते हैं लेकिन उनका नया नाटक 'अरितोपोलिस' उनके विचारक और चिंतक को सामने लाता है। नाटक…
आपदा काल रचना प्रक्रिया को बहुत मुश्किल बना देता है । लेकिन, पीड़ा से गुजरते हुए जब कोई साहित्य उपजता है तो उसमें कई नए रंग नज़र आते हैं । आ० स…
हास्य नाटिका कहाँ हो तुम परिवर्तक ? अशोक गुप्ता अशोक गुप्ता 305 हिमालय टॉवर, अहिंसा खंड 2, इंदिरापुरम, गाज़ियाबाद 201014 09871187…
एक शहर की मौत विजय कुमार सप्पत्ति पर्दा उठता है मंच पर अँधेरे के बीच एक स्पॉट लाइट पड़ती है. उस स्पॉट लाइट के केंद्र में सूत्रधार आता है …