न हादसे के पहले, न हादसे के बाद! क़मर वहीद नक़वी टीवी की भाषा में इस लेख की टीआरपी शायद बहुत कम हो! क्योंकि असली मुद्दों में कोई रस न…
आगे पढ़ें »राग देश अथ श्री गिरगिटिया चश्मा कथा! - क़मर वहीद नक़वी चुनाव गरम है. चाय ठंडी हो चुकी है! लड़ाई घनघोर है. कहते हैं, युद्ध और प्रेम में सब क…
आगे पढ़ें »राग देश जय हो ठोकतंत्र की, जय श्री इलेक्शन! - क़मर वहीद नक़वी अब ललकार, हुँकार, दहाड़, फुफकार का ज़माना है, गरम ख़ून चाहिए, जो बात-बात पर …
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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